सुप्रीम कोर्ट ने आयुष्मान खुराना स्टारर फिल्म 'आर्टिकल 15' को चुनौती देने वाली ब्राम्हण समाज ऑफ इंडिया की याचिका पर सुनवाई करने से सोमवार 8 जुलाई को इनकार कर दिया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी बात उचित फोरम में रखने के निर्देश भी दिए हैं.
इस याचिका में मौलिक अधिकार का उल्लंघन और वैमनस्य फैलने की आशंका बताई गई थी. इस बात को आधार बनाकर याचिकाकर्ता ने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) द्वारा जारी किए गए U\A सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग भी की थी. न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने याचिका को रद्द करते हुए याचिकाकर्ता के वकील को अपनी बात सही जगह रखने की नसीहत भी दी.
बताते चले कि याचिका में यह भी कहा गया कि इस फिल्म से प्रेरित होकर अन्य फिल्मों के नाम भी संवैधनिक अनुच्छेदों पर रखे जा सकते है. जो की गलत है. संस्था की याचिका के अनुसार फिल्म का टाइटल 'आर्टिकल 15' सरकार की इजाजत लेने के बाद ही रखा जाना चाहिए था.
डायरेक्टर अनुभव सिन्हा द्वारा निर्देशित 'आर्टिकल 15' सामाजिक भेदभाव पर आधारित फिल्म है. इसमें दो लड़कियों के साथ हुए दुष्कर्म की जघन्य घटना को दर्शाया गया है. फिल्म में जातिगत भेदभाव को मुखरता से रेखांकित किया गया है. 'आर्टिकल 15' में आयुष्मान खुराना ने आईपीएस अफसर की भूमिका निभाई है. फिल्म 28 जून 2019 को रिलीज हुई थी.
(Source: IANS)