बॉलीवुड की जानी-मानी फिल्मकार-कोरियोग्राफर फराह खान को इस इंडस्ट्री में रहते हुए ढाई दशक से अधिक वक्त हो चुका है और ऐसे में फराह ने कई सारे कलाकारों के साथ काम भी किया है। फराह का ऐसा मानना है कि बीते दिनों की अभिनेत्रियों की अपेक्षा आज के जमाने में अभिनेत्रियों की बेहतर देखभाल की जाती है।
फराह ने कहा, "मुझे ऐसा लगता है कि आज हर चीज की देखभाल कहीं ज्यादा की जाती है हालांकि आज की लड़कियों में मुझे मेहनत की कोई कमी नहीं दिखती है। पहले की लड़कियों की तरह ये भी मेहनती हैं। बात सिर्फ इतनी है कि पहले की लड़कियों को काम थोड़ा ज्यादा करना पड़ता था। उनके पास पर्सनल ट्रेनर्स, मैनेजर्स या वैनिटी वैन नहीं थे। उन्हें इस मामले में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती थी।"
फराह पहले की अभिनेत्रियों के साथ-साथ आज के जमाने की अभिनेत्रियों के साथ भी काम कर चुकी हैं जैसे कि श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित नेने, काजोल, रानी मुखर्जी, तब्बू और मलाइका अरोड़ा से लेकर दीपिका पादुकोण, कैटरीना कैफ, आलिया भट्ट, जान्हवी कपूर और सोनम कपूर तक, इनके अलावा फराह के पास शाहरुख खान से लेकर ऋतिक रोशन और टाइगर श्रॉफ तक के साथ भी काम करने का अनुभव है।
बात जब नृत्य की आती है तो फराह पहले की अभिनेत्रियों और आज के जमाने की अभिनेत्रियों के बीच तुलना करने से बचती हैं।
फराह ने आईएएनएस को बताया, "25 साल हो गए और मैंने श्रीदेवी और माधुरी (दीक्षित नैने) को भी कोरियोग्राफ किया है और आज की लड़कियों को भी। आप उन्हें (आज की अभिनेत्रियों) कल की अभिनेत्रियों के साथ तुलना नहीं कर सकते।"
साल 1992 में आई फिल्म 'जो जीता वही सिकंदर' के गाने 'पहला नशा पहला खूमांर' के स्लो-मोशन कोरियोग्राफी से फराह को रातोंरात पहचान मिली। इसके बाद फराह ने साल 2004 में आई फिल्म 'मैं हूं ना' से निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा और बाद में उन्होंने 'ओम शांति ओम' (2007), 'तीस मार खान' (2010) और 'हैप्पी न्यू ईयर' (2014) जैसी फिल्में भी बनाई।
फिलहाल फिल्मकार रोहित शेट्टी के साथ मिलकर किसी फिल्म के निर्माण में व्यस्त फराह ने कहा कि अपनी फिल्म को बनाने में उन्हें ज्यादा मजा आता, लेकिन यह एक थका देने वाली प्रक्रिया है क्योंकि उनके तीन बच्चे भी हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मेगास्टार अमिताभ बच्चन स्टारर फिल्म 'सत्ते पे सत्ता' (1982) की रीमेक बनाने के लिए फराह बिल्कुल तैयार हैं।
रीमेक के बारे में बात करते हुए फराह ने बताया, "मेरे बच्चों ने पुरानी फिल्में नहीं देखी है। मुझे लगता है कि क्लासिक फिल्मों को छेड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है जैसे कि मैं 'शोले' की रीमेक बनाने के बारे में नहीं सोचूंगी क्योंकि मुझे पता है कि 'मेरी बजने ही वाली है उसमें'! ऐसी फिल्में हर दौर में खरी उतरती है।"
फराह ने आगे अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, "किस फिल्म की रीमेक बनाई जानी चाहिए इसके बारे में आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है। आपको एक अच्छी फिल्म चुननी चाहिए, लेकिन ऐसा कुछ नहीं जिसके बारे में आपको पता हो कि इसमें आपकी तुलना की जाएगी। आजकल दुनिया भर में रीमेक की जा रही है। पहले कभी मैं सोचती थी कि आखिर क्यों किसी फिल्म की रीमेक बनाई जा रही है? अब मुझे लगता है कि मुझे जो फिल्में पसंद है उनके आधुनिकीकरण में मजा आएगा।"
फराह अब डिजिटल क्षेत्र में भी अपना कदम रख चुकी हैं। वह नेटफ्लिक्स की 'मिसेज सीरियल किलर' की निर्माता हैं जिसके निर्देशक उनके पति शिरीष कुंद्रा हैं।
(Source-IANS)