अनुपम खेर ने बॉलीवुड में अपने संघर्ष को किया याद कहा "मुझे इतनी दूर तक लाने के लिए अपनी असफलताओं को धन्यवाद देता हूं"
अपने साढ़े तीन दशक लंबे करियर में 500 से अधिक फिल्मों के साथ, अनुपम खेर देश में सबसे अधिक फिल्में करने वाले एक्टर बन गए हैं. हालांकि, एक्टर के लिए उनकी अब तक की यह यात्रा आसान नहीं थी.
बता दें कि अपने एक इंटरव्यू में अनुपम खेर ने कहा है, "मैं जब 9 वीं कक्षा में था तब मैंने एक प्ले में काम किया था. मैं तब एक लाइन भी अच्छे से नहीं बोल पाता था, इसलिए मेरी लाइन्स किसी और को दे दी गयी थीं. लेकिन प्ले के समय वो अपनी कुछ लाइन भूल गया और तब मैंने अपनी टूटी-फूटी इंग्लिश में कुछ कहा और तब ऑडियंस में सभी हंसने लगे."
अनुपम को मंच पर रहना पसंद था और वह अभिनय में अपना करियर बनाना चाहते थे. इस बारे में उन्होंने कहा, "मैंने चंडीगढ़ में एक्टिंग कोर्स के लिए मैंने एक विज्ञापन देखा और ऑडिशन के लिए 100 रुपये की आवश्यकता थी. मैंने इसे अपनी मां से चुराया और बताया कि मैं पिकनिक के लिए जा रहा हूं. शुक्र है, मुझे स्वीकार कर लिया गया! इसलिए मैं अभिनय का अध्ययन करने के लिए चंडीगढ़ गया. मुंबई ड्रामा स्कूल नौकरी पर रख रहा है, यह विज्ञापन देखने से पहले मैं 2 साल तक शिक्षक था."
मुंबई शिफ्ट होने के बाद अनुपम खेर ने महसूस किया कि उन लोगो के पास पैसे नहीं हैं. उन्होंने मुझे पढ़ाने के लिए एक छोटी सी जगह दी और रहने के लिए एक छोटा कमरा. मैं असफलता से पीछे नहीं हटना चाहता था. इसलिए मैंने वहां पढ़ाया, जबकि ऑडिशन और नाटकों में भी काम किया. यह मुश्किल था - एक वक्त ऐसा भी था जब मेरे पास कोई काम, पैसा या मदद नहीं थी. मुझे समुद्र तटों पर रहना पड़ा और प्लेटफार्मों पर सोना पड़ा था.
एक पल ऐसा भी आया था जब अनुपम ने लगभग हार मान ली थी और वह घर लौट आए, लेकिन उनके दादा ने उन्हें याद दिलाया कि "एक आदमी जो पहले से ही पानी में भीग रहा है, उसे बारिश से डरना नहीं चाहिए." उनकी दृढ़ता की वजह से ही उन्हें महेश भट्ट की 'सरनांश' से इंडस्ट्री में अपना ब्रेक मिला.