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#MeToo मूवमेंट में आरोपी बने आलोक नाथ के साथ काम करने पर बोले अजय, कहा- 'आरोपी और दोषी साबित होने के बीच अंतर है'

साल 2018 में #MeToo के चलते कई बॉलीवुड एक्टर्स पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे थे. जिसके चलते उन्हें उनके प्रोजेक्ट्स से बाहर कर दिया गया था. #MeToo में आरोपी रहे एक्टर आलोक नाथ भी अजय देवगन कि हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'दे दे प्यार दे' में अभिनय कर रहे थे. लेकिन उन्हें फिल्म से बाहर नहीं किया गया था. इस विषय पर अजय ने हाल ही में फिल्मफेयर के साथ हुए एक इंटरव्यू अपनी बात रखी. 

 इंटरव्यू में अजय से जब यह पूछा गया कि क्या उन लोगों के साथ काम करना नैतिक है जिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा हो तो उन्होंने कहा कि आरोपी और दोषी 'साबित होने के बीच अंतर है. उन्होंने आगे कहा 'निश्चित रूप से दोषी साबित हो चुके लोगो के साथ काम नहीं करना चाहिए. लेकिन जो अब तक आरोपी साबित नहीं हुए हैं. हम उनके साथ अन्याय नहीं कर सकते. मैं एक आरोपी को जानता हूं, जिसकी बेटी इतने सदमे में है कि न तो वो स्कूल जा रही है और न ही वह खाना खाती है. 

आलोक के साथ काम करने पर अजय विवादों में घिर गए थे. लेकिन तब उन्होंने अपने बचाव में कहा था कि आलोक के हिस्से की शूटिंग पूरी ही चुकी थी. इस विषय पर जब उनसे फिर पुछा गया तो उन्होंने कहा, 'आलोक को बदलने का निर्णय कभी भी मेरा अकेले का नहीं हो सकता था. यह फैसला पूरी टीम को मिलकर लेना था. उन्होंने आगे कहा कि आलोक के हिस्से वाले शूट को फिर से करने का मतलब था बजट को दोगुना करना. 

अजय इस समय अपनी अपकमिंग मूवी 'तानाजी' और 'भुज द प्राइड ऑफ इंडिया' की तैयारियों में व्यस्त हैं. यह दोनों फिल्में ही देशभक्ति से प्रेरित है. 'तानाजी' अगले साल जनवरी में रिलीज होगी वही 'भुज द प्राइड ऑफ इंडिया' भी अगले साल अगस्त के महीने में रिलीज होगी.

(Source: India Today)

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