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असमानता पर बोली सोनाक्षी सिन्हा कहा - 'जब अक्षय या सलमान फिल्म करते हैं, तो कोई भी उसे पुरुष-केंद्रित फिल्म नहीं कहता'

बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा अपने नौ साल के लंबे करियर में कई तरह की फिल्में और उनमे किरदार निभा चुकी हैं, जिसमे एक्ट्रेस को कामयाबी हासिल हुई है. मसाला फिल्म जैसे 'दबंग' और 'राउडी राठौर' से लेकर 'लुटेरा', 'नूर' और 'अकीरा' जैसी फिल्में कर चुकी सोनाक्षी को हम जल्द 'खानदानी सफाखाना' जैसी फिल्म में देखने वाले हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में सोनाक्षी ने एक्ट्रेसेस को मिल रहे उनके हक के अलावा इस बात पर जोर दिया कि हीरोइन द्वारा संचालित फिल्मों को 'महिला-केंद्रित' कहा जाता है.

एक एक्ट्रेस द्वारा संचालित फिल्म को महिला-केंद्रित करार दिए जाने की बात पर, सोनाक्षी सिन्हा ने कहा, "मैं फिल्म को 'महिला केंद्रित' की बजाये फीमेल आर्टिस्ट के नेतृत्व वाली फिल्म कहलवाना चाहती हूं. ऐसा इसलिए क्योंकि जब अक्षय (कुमार) या सलमान (खान) एक फिल्म करते हैं, कोई भी इसे पुरुष-केंद्रित फिल्म नहीं कहता है. एक फिल्म एक फिल्म है. पीरियड. हमें उसका वर्गीकरण नहीं करना चाहिए. हमें उन्हें समान मानना ​​चाहिए."

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असमानता के बारे में आगे बात करते हुए, सोनाक्षी ने कहा कि मेल स्टार्स उन फिल्मों को अस्वीकार करते हैं जिनमें फीमेल स्टार्स की बड़ी भूमिका होती हैं. सोनाक्षी ने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें इस बारे में तब पता चला जब 'मिशन मंगल' की को-स्टार तापसी पन्नू ने उन्हें बताया था कि उनके लिए स्ट्रांग फीमेल रोल वाली फिल्मों में मेल स्टार्स को प्राप्त करना मुश्किल था. इसपर सोनाक्षी ने कहा, "यह सच है. यह एक मानसिकता है जिसे बदलना चाहिए क्योंकि मुझे लगता है कि बदलाव के लिए यह अच्छा होगा कि पुरुष महिलाओं का समर्थन करें. मैं इसे हिंदी फिल्मों में भी देखना चाहूंगी. अब, ऐसा क्यों होता है आपको पुरुषों से पूछना चाहिए.

सोनाक्षी की अगली कॉमेडी फिल्म 'खानदानी सफाखाना' इस 2 अगस्त को रिलीज होने वाली है. साथ ही उनकी दूसरी फिल्म 'मिशन मंगल' 5 अगस्त को रिलीज होगी.

(Source: Indian Express)

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