अभिनेता आयुष्मान खुराना ने फिल्म 'अंधाधुन' में एक अंधे पियानोवादक के रूप में अपने अभिनय के लिए अपना पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता है और उनका कहना है कि यह अनुभव "वास्तव में विनम्र और बेहद संतुष्टिदायक" है. आयुषमान ने कहा, "यह प्रतिष्ठित और राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के लिए बेहद खुशी की बात है. एक कलाकार के रूप में, मैंने हमेशा से कंटेंट क्वालिटी को सामने लाने की कोशिश की है. आज का सम्मान मेरी कड़ी मेहनत, मेरे विश्वास प्रणाली, फिल्मों में मेरी यात्रा और सबसे पहले अभिनेता बनने के मेरे कारण का एक सत्यापन है जो मेरी व्यक्तिगत जीत के कहीं ऊपर है. मैं बहुत खुश हूं कि दोनों फिल्में जो मैंने की हैं. - 'अंधाधुन' और 'बधाई हो' - राष्ट्रीय पुरस्कार जीती हैं. यह फिर से पुष्टि करता है कि हमारे देश के लोग मनोरंजन के लिए सिनेमा देखना चाहते हैं, ताकि वे इसपर चर्चा कर सकें, इसके बारे विचार-विमर्श कर सके."
आयुष्मान ने 'अंधाधुन' को एक पथप्रदर्शक फिल्म के रूप में वर्णित किया. उन्होंने कहा, "श्रीराम राघवन (फिल्म के निर्देशक) भारतीय दर्शकों के एंटरटेनमेंट के लिए सिनेमा की एक नई शैली बनाने के लिए सभी प्रशंसाओं के हकदार हैं. मैं सही मायने में श्रीराम राघवन की दृष्टि का हिस्सा बनने के लिए भाग्यशाली रहा हूं और अपने निर्देशक को उनकी प्रतिभा के लिए बधाई देता हूं. एक कलाकार के रूप में 'अंधाधुन' ने मुझे चुनौती दी और मैंने दृढ़ता से महसूस किया कि इसने मुझे एक बेहतर अभिनेता बना दिया."
उनकी दूसरी फिल्म 'बधाई हो' को 66 वें नेशनल अवार्ड में Best Popular Film Providing Wholesome Entertainment का अवार्ड मिला. " बधाई हो के साथ मैंने फिर से एक वर्जित विषय उठाया क्योंकि मुझे विश्वास था कि लोग इस तरह के सिनेमा को देखना चाहते हैं. मुझे खुशी है कि बधाई हो जैसा विषय आज भी जीता है और मैं अपने निर्देशक को बधाई देता हूं, उनकी सफलता की कहानी के लिए. अमित शर्मा, जो हर घर में एक टॉकिंग पॉइंट बन गए." आयुष्मान ने कहा कि वो अमित शर्मा जैसे प्रोग्रेसिव थिंकिंग वाले इंसान एक सतह काम करके अपने आपको लकी मानते हैं.
(Source: IANS)