बहुत सालों से साउथ इंडस्ट्री में अपने करियर का लोहा मनवाने वाली नित्या मेनन अब जल्द ही बॉलीवुड में एंट्री कर रही हैं. हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म अक्षय कुमार, सोनाक्षी सिन्हा, तापसी पन्नू, विद्या बालन और कीर्ति कुल्हारी के साथ 'मिशन मंगल' है, जो 15 अगस्त को रिलीज होगी. नित्या मेनन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि वह हमेशा से ही कॉन्टेंट पर ध्यान देती हैं उन्होंने अपने करियर के लिए कभी केलकुलेटिव मूव नहीं लिए हैं.
इस बारे में बात करते हुए नित्या कहती हैं कि मैंने जिस तरह से अपने करियर को आगे बढ़ाया है वह बहुत ही अलग है. मेरे पास कोई स्ट्रेटर्जी नहीं होती. जब मैं स्क्रिप्ट सुनती हूं तो, बस इस बात का ध्यान रखती हूं कि क्या मैं इस फिल्म को देखूंगी?
पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड के कई मेकर्स ने नित्या को अपनी फिल्म के लिए अप्रोच किया था मगर, उन्होंने 'मिशन मंगल' के लिए ही हां कहा. इस बारे में बात करते हुए वो कहती हैं, "बॉलीवुड मेरे लिए सिर्फ एक अलग भाषा में काम करने वाला प्लेटफार्म है क्योंकि मैं पहले से ही तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषी फिल्मों में काम कर चुकी हूं. मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का प्रेशर नहीं था. मुझे ऐसा लगता था कि यहां लोग मेरे स्पेस को समझ नहीं पाएंगे. मैं हमेशा से ही स्ट्रॉन्ग कंटेंट वाली फिल्म ही चुनती हूं और यही सोचकर मैंने 'मिशन मंगल के लिए भी हां कहा. प्रोड्यूसर आर बाल्की ने मुझे ईमानदारी से कहा था कि यह फिल्म काफी अलग होगी. जगन शक्ति, हमारे डायरेक्टर भी मेरे काम को अच्छी तरह समझते हैं. वो जानते हैं कि मैं किस तरह की एक्ट्रेस हूं.
नित्या से यह भी पूछा गया कि क्या बॉलीवुड में काम करने के बाद लोगों ने उन्हें पहचानना शुरू किया? इस पर उन्होंने कहा, "कुछ महीने पहले मैं मुंबई के एक रेस्टोरेंट से बाहर निकली, जहां लोगों ने मुझे पहचाना और मेरे साथ सेल्फी भी ली. मुझे बाद में समझ में आया कि मेरी साउथ की फिल्में जो हिंदी में डब हो जाती हैं उसकी वजह से मुझे यह पहचान मिली है. तो, पहचान पाने के लिए बॉलीवुड स्टार होना जरूरी नहीं है."
(Source: Mid-Day)