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सांड की आंख : नेशनल स्पोर्ट्स डे पर तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर ने शेयर किया अपना अनुभव

भारत को ना सिर्फ विविध संस्कृतियों का देश माना जाता है, बल्कि यह कई खेलों का घर भी है। कबड्डी से लेकर कुश्ती तक, क्रिकेट और बैडमिंटन तक, भारतीय खेल जगत की हस्तियों ने वैश्विक स्तर के स्टेडियमों में अपनी प्रतिभा दिखाई है. 

ऐसी ही दो बहुत दिलचस्प महिलाओं ने अपने तेज शूटिंग स्किल से देश को गौरवान्वित किया है। चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर ने 60 साल की उम्र पार करने बाद सबसे उम्रदराज़ 'शार्प शूटर' का ख़िताब अपने नाम किया है.

दिलचस्प बात यह है कि इन दो बहादुर महिलाओं से प्रेरित एक फिल्म दर्शकों के बीच रिलीज़ होने के लिए तैयार है. 'सांड की आँख' शार्प शूटर्स पर बनी पहली फिल्म है जिसमें तापसी पन्नू और भूमि पेडनेकर दमदार किरदार में नज़र आएँगी.

नेशनल स्पोर्ट्स डे पर, 'सांड की आंख' की दोनों लीडिंग एक्ट्रेसेस ने बताया कि उनके लिए बड़े परदे पर इन अद्भुत शार्प शूटरों का किरदार निभाना कैसा रहा. 

प्रकशी तोमर की भूमिका निभाने वाली तापसी पन्नू कहती हैं, “एक ऐसी महिला की भूमिका निभाना जिसने सभी बाधाओं के बाद भी बंदूक उठाई और उस उम्र में गौरव और सफलता की राह पर निशाना साधा, बहुत ही प्रेरित करने वाला था. फिल्म की शूटिंग के दौरान, मैं उनके घर में उनके साथ रहती थी. मैंने देखा कि कैसे वे दोनों शार्प शूटिंग के खेल को प्रोत्साहित करते हैं. एक ग्रामीण स्थान से आने के बावजूद, इन दो महिलाओं ने मुझे दिखाया है कि बात जब खेल की हो तो भारतीय महिलाएं मजबूत इच्छाशक्ति और अपने सपने के लिए लड़ने में, दुनिया में किसी से कम नहीं हैं.”

तुषार हीरानंदानी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में प्रकाश झा और विनीत कुमार भी हैं. भूमि के लिए भी ये फिल्म एक इमोशनल और सीखने की जर्नी रही. उन्होंने कहा, "शार्प शूटिंग एक बहुत ही दिलचस्प खेल है और चंद्रो तोमर की भूमिका निभाते हुए मुझे खेल के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला. मैंने मेरठ के उस गाँव में रहने वाले बहुत सारे लोगों के साथ बातचीत की और यह जाना कि सभी लोग शार्प शूटिंग को लेकर कितने पैशनेट है. वे इस खेल में माहिर होने के लिए जो मेहनत करते हैं उसे देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं. इस खेल के लिए उत्साह बढ़ रहा है और मुझे उम्मीद है कि इसके लिए और अधिक खिलाड़ी सामने आएंगे."

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