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राकेश रोशन ने पहले स्टेज के अपने थ्रोट स्कैम्स सेल कार्सिनाेमा कैंसर पर की खुलकर बात, जानिए क्या कहा

बॉलीवुड सुपरस्टार रितिक रोशन के पिता फिल्ममेकर राकेश रोशन पिछले दिनों अपनी कैंसर की बीमारी के कारण सुर्खियों में बने हुए थे. ऐसे में एक जाने माने वेबपोर्टल से बात करते हुए फिल्ममेकर ने कैंसर से अपनी लड़ाई के बारे में खुलकर बात की है. तो चलिए आपको बतातें हैं उन्होंने क्या कहा है.

राकेश रोशन कहते हैं, "कैंसर के लिए जीभ सबसे खराब जगह है. ऐसी स्थिति में आप पानी, कॉफी, चाय भी नहीं पी सकते. यहां तक कि आपकी टेस्टिंग बड्स भी बदल जाती हैं और चीजों में वह स्वाद नहीं आता, जो आना चाहिए. मैं दो-तीन महीने तक इस परेशानी से गुजरा."

आगे राकेश कहते हैं, "मेरा वजन 10 किलो तक कम हो गया था. इसमें से 3 किलो रिकवर कर लिया है. कैंसर ट्रीटमेंट की वजह से मैं कमजोर हो गया था. इसमें आपकी अच्छी कोशिकाएं भी मर जाती हैं. खैर, अब मैं पहले से बेहतर हूं. हर दिन 90 मिनट जिम करता हूं. मेरा पर्सनल ट्रेनर घर आता है. स्टेमिना भी वापस आ गया है. लेकिन हां पूरी तरह फिट होने में 6 महीने का वक्त और लगेगा."

बीमारी की शुरुआत के बारे में बताते हुए राकेश कहते हैं, "इसकी शुरुआत एक छाले के साथ हुई, जो फैमिली डॉक्टर द्वारा कई तरह के ट्रीटमेंट दिए जाने के बाद भी ठीक नहीं हुआ. छोटा सा छाला था. न दर्द था और न ही खुजली. एक दिन मैं हिंदुजा हॉस्पिटल में अपने दोस्त से मिलने गया. बाहर आते वक्त एक ईएनटी सर्जन का केविन दिखाई दिया. मैंने वहां जाकर सर्जन से मुलाकात की और उसने मुझे बायोप्सी कराने की सलाह दी. पता नहीं क्यों, लेकिन मुझे शुरुआत से ही लग रहा था कि मुझे कैंसर हुआ है. 15 दिसंबर (2018) को मैं ऋतिक के घर पर था. तभी मुझे एक कॉल आया और बताया गया कि बायोप्सी टेस्ट पॉजिटिव आया है. मैंने अपने डॉक्टर से बात की और जब उन्होंने मुझे कहा कि जीभ में कट लगाकर कुछ ग्राफ्टिंग करनी पड़ सकती है तो मैं डर गया। मैंने कहा कि मैं यह सब नहीं करना चाहता."

"फिर मैंने इस तरह के ट्रीटमेंट के लिए सबसे अच्छे डॉक्टर की पड़ताल की तो स्लोन केटरिंग कैंसर ट्रीटमेंट, यूएस में हेड एंड नैक सर्विस के चीफ डॉ. जतिन शाह के बारे में पता चला. ऋतिक ने उन्हें फोन किया. खुशकिस्मती से उन्होंने अनजान नंबर होते हुए भी फोन उठा लिया और हमसे पीईटी (पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी) स्कैन मंगाया. जब हमने उन्हें वह भेज दिया तो उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. सबसे अच्छी बात यह थी कि वैसे भी वे 2 जनवरी को इंडिया आ रहे थे. उन्होंने सर्जरी की सलाह दी. 8 जनवरी को एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में सर्जरी की गई और 12 जनवरी को मैं वापस ऑफिस लौट आया. तीन सप्ताह बाद मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में मेरा कीमोथैरिपी सेशन शुरू हुआ."

(Source: SpotBoye)

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