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अमिताभ बच्चन ने गोवा में किया कला एकेडमी का उद्घाटन, समाज में सिनेमा की महत्वपूर्णता पर भी की बात

देश के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म पुरस्कार, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने वाले की यह फिल्में IFFI के दौरान प्रदर्शित की जाती हैं. इस साल एशिया के इस सबसे बड़े फिल्म समारोह का 50 वां संस्करण में अमिताभ बच्चन के पूर्वव्यापी प्रदर्शन को प्रदर्शित किया गया है. क्योंकि उन्हें इस साल दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था, जो उन्हें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का 50 वां प्राप्तकर्ता भी बनाता है. श्री बच्चन ने आज गोवा में कला एकेडमी इसका उद्घाटन किया.

लॉन्च पर बोलते हुए श्री बच्चन ने कहा, “मैं बहुत ही विनम्र महसूस कर रहा हूं और इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दूंगा. मुझे हमेशा लगता है कि मैं इस तरह की मान्यता के योग्य नहीं हूं, लेकिन मैं विनम्रतापूर्वक बहुत अनुग्रह और स्नेह के साथ इसे स्वीकार करता हूं."

50वें संस्करण पर उन्होंने कहा, “यह IFFI का 50 वां संस्करण है और मैं भारत सरकार और IFFI को इतने शानदार तरीके से खुद को संचालित करने के लिए बधाई देता हूं. प्रत्येक वर्ष हम प्रतिनिधियों की संख्या में वृद्धि और फिल्मों के चुनाव से हमें दुनिया के विभिन्न हिस्सों से काम और रचनात्मकता को देखने का अवसर मिलता है.”

सिनेमा को एक सार्वभौमिक माध्यम ‘जो कि भाषा से परे है’ कहते हुए उन्होंने कहा, “जब हम एक अंधेरे हॉल में बैठते हैं तो हम कभी भी हमारे बगल में बैठे व्यक्ति की जाति, पंथ, रंग नहीं पूछते हैं. हम एक ही फिल्म का आनंद लेते हैं, एक ही चुटकुले पर हंसते हैं और एक ही भावना पर रोते हैं.”

उन्होंने चेतावनी दी कि इस तेजी से बिखरती दुनिया में कम बहुत माध्यम बचे हैं जो इस तरह के एकीकरण का दावा कर सकते हैं. उन्हें उम्मीद थी कि हम ऐसी फिल्में बनाते रहेंगे जो लोगों को एक साथ लाएगी.”

बच्चन साहब जिनका गोवा से गहरा नाता है, ने अपनी पहली फिल्म की शूटिंग को याद किया. उन्होंने कहा "गोवा आना हमेशा घर आने जैसा होता है और हमारे पास इस जगह पर काम करने और हमारी शूटिंग के विभिन्न चरणों के दौरान गोवा के लोगों से आतिथ्य प्राप्त करने के कई शानदार अवसर थे."

 

(Source: Peepingmoon)

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