जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में छात्रों के खिलाफ हिंसा को मद्देनजर रखते हुए फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने ट्विटर पर इस अधिनियम की कड़ी निंदा की और अपनी राय व्यक्त की. सरकार को 'फासीवादी' कहते हुए, फिल्म निर्माता ने कहा कि वह अब चुप नहीं रह सकते.
हमेशा अपने मन की बात सामने रखने के लिए जाने जानेवाले अनुराग ने इस साल अगस्त में अपने माता-पिता और बेटी को धमकी मिलने के बाद लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से बाहर हो गए थे. कुछ उजर्स ने कश्यप के अंतिम शब्दों के स्क्रीनशॉट ले लिए थे और इसे अपनी टाइमलाइन पर पोस्ट कर दिया था. अपने बयान में कश्यप ने कहा था, '' जब आपके माता-पिता को फोन आने शुरू होते हैं और आपकी बेटी को ऑनलाइन धमकियां मिलती हैं तो आप जान जाते हैं कि कोई इस बारे में बात नहीं करना चाहता. कारण कुछ नहीं है ठग शासन करेंगे और ठगी जीवन का नया तरीका होगा. इस नए भारत के लिए आप सभी को बधाई और आशा है कि आप सभी रोमांचित होंगे. आप सभी की खुशी और सफलता की मैं कामना करता हूं. यह मेरा आखिरी ट्वीट होगा. जब मुझे डर के बिना अपने मन की बात कहने की अनुमति नहीं होगी, तो मैं बिल्कुल नहीं बोलूंगा. अलविदा."
जामिया के विरोध पर वापस सोशल मीडिया का रुख करते हुए, अनुराग ने लिखा, "अब बहुत हो चुका... और ज्यादा खामोश नहीं बैठ सकता. ये बहुत फासीवादी सरकार है... मुझे बहुत गुस्सा आता है इस बात पर कि वो लोग जो बदलाव ला सकते हैं, खामोश बैठे हुए हैं."
This has gone too far.. can’t stay silent any longer . This government is clearly fascist .. and it makes me angry to see voices that can actually make a difference stay quiet ..
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) December 16, 2019
(Source: Twitter)