आज सुबह मी टू आरोपों में फंसे म्यूजिक कंपोजर अनु मलिक राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से बड़ी रहत मिली. मुंबई मिरर रिपोर्ट के अनुसार नेशनल कमिशन फॉर वुमन ने सबूत न मिलने की वजह से इस केस को बंद कर दिया है. रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा कि, यह केस फिर से ओपन हो सकता है अगर महिलाएं उनके खिलाफ सबूत लेकर आयें.
इस मामले में सिंगर और शिकायतकर्ता सोना मोहपात्रा का रिएक्शन सामने आया है. क्यूंकि सोना ने भी अनु मलिक पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे. सोना ने लिखा, कृपया ध्यान दें भारत, मैंने कई महिलाओं के सबूत इकठ्ठा कर उन्हें मेल किये हैं. चैपरसन से बात करने की रिक्वेस्ट की. बदले में उनकी तरफ से बस वनलाइनर का प्रयोग किया गया. जीरो कंसर्न और महिलाओं में कोई वास्तविक दिलचस्पी नहीं.
Please note India, this is untrue. I have painstakingly collated all the multiple testimonies of several women & mailed the same to NCW. Requested to talk to the chairperson. Only received terse & unkind one liners in return from them. Zero concern & no real interest in women. https://t.co/GkYaB64QIc
— ShutUpSona (@sonamohapatra) January 17, 2020
बता दें, रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की सचिव बरनी शोम ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की स्टैंडर्ड एंड प्रैक्टिस हेड, माधुरी मल्होत्रा को बताते हुए पत्र लिखा है कि सोना के ट्विटर पोस्ट पर संज्ञान लिया गया, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि यौन उत्पीड़न और कई महिलाओं की गवाही को अनदेखा करते हुए अनु मलिक नेशनल टेलीविजन पर जज बनाया गया है.
पत्र में लिखा था कि 'आयोग ने इस मामले में दिनांक 6 दिसंबर 2019 को आपकी प्रतिक्रिया प्राप्त कर ली है. जिसके मद्देनजर, मुझे आपसे अवगत कराने के लिए निर्देशित किया गया है कि आयोग ने शिकायतकर्ता से मांगे गए संचार या पर्याप्त सबूतों की कमी के कारण मामला बंद कर दिया है'.
राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने लीडिंग डेली को पुष्टि करते हुए बताया की एक हफ्ते पहले ही अनु मलिक को पत्र भेजा गया था. उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता से कुछ दस्तावेज भी मांगे थे, लेकिन उसके बाद उसने कभी जवाब नहीं दिया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह मामले का स्थायी बंद नहीं है. यदि शिकायतकर्ता आगे आता है या अधिक सबूत लाता है या किसी भी तरह के दस्तावेज जमा करता है. तो आयोग इस केस को फिर से खोल सकता है.