ट्रेलर में इरफ़ान की बेटी (राधिका मदान) आगे की पढ़ाई के लिए लंदन जाना चाहती है लेकिन इरफ़ान कहते हैं कि अगर बाहर पढ़ाई करनी ही है तो जयपुर चली जा. राधिका कहती हैं बड़ी हो गई हूं अब थोड़ी तो आजादी दे दो. इरफ़ान कहते हैं भारत को अंग्रेजो से आजादी लेने में दो सौ साल लगे थे तू 18 तक तो रुक ही सकती है. इसके बाद इरफ़ान बेटी तारिका बंसल के लंदन जाने के लिए पैसे जुटाना शुरू करते हैं लेकिन उन्हें लंदन की कॉलेज की फीस का अंदाजा नहीं होता. अब बेटी के सपने के लिए एक पिता कितना दूर जा सकता है, यही है फिल्म की कहानी.
ट्रेलर रिलीज से एक दिन पहले इरफ़ान ने पहले लुक के साथ एक वीडियो मैसेज साझा किया. वीडियो में वो कहते हैं, "हैलो भाइयों बहनों. नमस्कार. मैं इरफान खान. मैं आज आपके साथ हूं भी और नहीं भी. खैर. ये फिल्म अंग्रेजी मीडियम मेरे लिए बहुत खास है. 'यकीन मानिए मेरी दिली ख्वाहिश थी कि इस फिल्म को उतने ही प्यार से प्रमोट करूं जितने प्यार से हम लोगों ने इसे बनाया है. लेकिन मेरे शरीर के भीतर कुछ अनचाहे मेहमान बैठे हुए हैं. उनसे वार्तालाप चल रहा है. देखते हैं किस करवट ऊंट बैठता है. जैसा भी होगा आपको इत्तेला कर दी जाएगी. कहावत है कि When life gives you a lemons, you make a lemonade. बोलने में अच्छा लगता है लेकिन जब सच में जिंदगी आपके हाथ में नींबू थमाती हैं ना तो शिकंजी बनाना बहुत मुश्किल हो जाता है. आगे इरफ़ान कहते हैं, 'आपके पास और च्वॉइस भी क्या है पॉजिटिव रहने के अलावा. इन हालात में नींबू की शिकंजी बना पाते हैं या नहीं बना पाते हैं ये आप पर है. और हम सबने इस फिल्म को उसी पॉजिटिविटी के साथ बनाया है. उम्मीद है ये फिल्म आपको हंसाएगी. रुलाएगी. फिर से हंसाएगी. ट्रेलर को एन्जॉय करिए. एक दूसरे के प्रति दयालू रहिए और फिल्म देख कर आइए. और हां..... मेरा इंतजार करिएगा.'