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Aamir Khan Birthday Special: मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के बर्थडे पर जाने उनकी 10 अनजानी फिल्मों से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान 14 मार्च को अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं. बहुत कम सुपरस्टार ऐसे होते हैं जो स्टारडम के साथ साथ फ़िल्म के कंटेंट और किरदार के साथ खूब एक्सपेरिमेंट करते हैं. आमिर ख़ान उन चंद सितारों में से हैं जो ये काम पिछले 36 सालों से करते आ रहे हैं. आमिर खान को बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्टनिस्ट कहा जाता हैं. उनके अभिनय और फिल्म चुनने की क्षमता, उन्हें बाकी कलाकारों से अलग बनाती है. हाल के वर्षों में उनके किरदार और कहानी पर किये प्रयोग तो आप सभी जानते हैं लेकिन पीपिंगमून आपके लिए लेकर आया है मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर ख़ान के करियर की उन फिल्मों की जानकारी जो अच्छी होते हुए भी ज़्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाईं.

 

राख
1989 में आई यह फिल्म 'राख' एक क्राइम थ्रिलर फिल्म थी. इसका निर्देशन आदित्य भट्टाचार्य ने किया था. इस फिल्म में आमिर खान के अभिनय को लोगों ने खूब सराहा था. फ़िल्म 'राख' आमिर ख़ान की दूसरी रिलीज़ थी 'कयामत से कयामत तक' के बाद, कुछ फ़िल्म जानकार ये भी मानते हैं कि ये उनकी पहली फ़िल्म थी मगर रिलीज़ 'कयामत से कयामत तक' पहले हुई.'राख़' को जाने माने क्लासिक फिल्मों के निर्देशक बासु भट्टाचार्य के बेटे आदित्य भट्टाचार्य ने डायरेक्ट किया था. 1989 में फ़िल्म को 3 नेशनल अवार्ड भी मिले थे. कहा ये भी जाता है कि फ़िल्म का बजट इतना कम था कि आमिर को फ़िल्म के प्रचार के लिए अपने पैसे लगाने पड़े थे. 


 

होली

वैसे आमिर की बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट पहली फ़िल्म 'यादों की बारात' थी' लेकिन बड़े होने पर डेब्यू फिल्म तो सही मायने में 'होली' थी. छात्र राजनीति पर बनी इस फ़िल्म के निर्देशक थे केतन मेहता जिन्होंने हाल ही में फ़िल्म 'मांझी द माउंटेन मैन' बनाई थी. फिल्म 'होली' में 'लगान' बनाने वाले फिल्मकार आशुतोष गोवारिकर भी बेहद खास भूमिका में थे. फ़िल्म में ओम पुरी, नसीरुद्दीन शाह और राज जुत्शी की भी खास भूमिका थी. 

 

बाजी

साल 1995 में ही प्रदर्शित फिल्म 'बाजी' में उनके अभिनय का नया रूप देखने को मिला. रोचक बात है कि इस फिल्म के एक गाने में आमिर खान ने एक लड़की की भूमिका निभाई और इसके लिये उन्होंने अपने पूरे शरीर पर वैक्सिंग कराई थी. 

लव लव लव

'कयामत से कयामत तक' के बाद आमिर खान और जूही चावला फिर से पर्दे पर नज़र इसी फिल्म में आये थे.  मेकर्स को लगा कि जोड़ी का जादू फिर चलेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं. फ़िल्म फ्लॉप तो नहीं हुई मगर एवरेज ग्रॉसर रही. 1989 की इस फ़िल्म में गुलशन ग्रोवेर, दलीप ताहिल और ओम शिवपुरी भी खास भूमिकाओं में थे

दीवाना मुझसा नहीं

साल 1990 में आई इस फिल्म को वाई नागेश्वर राव ने डायरेक्ट किया था. यह फिल्म एक रोमांटिक फिल्म थी. फिल्म में आमिर खान ने एक फोटोग्राफर का किरदार निभाया है, जो माधुरी दीक्षित यानी अनीता को बहुत पसंद करता है. पर वह आमिर को सिर्फ अपना दोस्त मानती है. हालांकि, बाद में वह इस रिश्ते को स्वीकार कर लेती है. फिल्म के संगीत की बात का जाये तो यह ठीक-ठाक था. फिल्म का एक गाना 'मैं सेहरा बांध केआया हूं' खूब चला, पर फिल्म नहीं चली.

जवानी जिंदाबाद

फिल्म 'जवानी जिंदाबाद'  की आमिर की असफल रही फिल्मों से एक है. फिल्म को अरुण भट्ट ने डायरेक्ट किया था. यह फिल्म दहेज प्रथा पर आधारित थी. फिल्म में शशि यानी आमिर खान अपने दोस्तों के समूह के साथ दहेज का विरोध करते हुए दिखाई देते हैं. 

अफसाना प्यार का

फ़िल्म अफसाना प्यार का साल 1991 में रिलीज़ हुई आमिर की एक और ऐसी फिल्म थी जिसका म्यूज़िक रिलीज़ से पहले काफी हिट हो गया था. कहते भी हैं कि अगर किसी फिल्म का संगीत सुपरहिट हो जाये तो फ़िल्म ने आधी जंग जीत ली मगर यहां आमिर अनलकी रहे. फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर ज़्यादा चली नहीं. इस फ़िल्म का म्यूजिक बप्पी लाहिरी ने दिया था और किशोर कुमार के बेटे अमित कुमार की आवाज़ में गाया गीत टिप टिप बारिश उस साल के सबसे हिट गानों में से एक था.

इसी का नाम जिंदगी

साल 1992 में आई इसी का नाम ज़िन्दगी से आमिर को काफ़ी उम्मीदें थीं मगर ये फ़िल्म भी अच्छी होते हुए भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. इस फ़िल्म की कहानी प्रसिद्ध बंगाली लेखक मनोज मित्रा के नाटक पर आधारित थी. फ़िल्म में आमिर खान के अपोजिट फराह को कास्ट किया गया था. जबकि एक अहम किरदार में प्राण भी थे जिनके किरदार की लोकप्रियता को फ़िल्म के प्रोमोशन में इस्तेमाल किया गया मगर फ़िल्म नहीं चली. 

दौलत की जंग

यह हॉलीवुड की फिल्म मकेन्नास गोल्ड की रीमेक थी. यह फिल्म रहस्यमय खजाने की खोज पर आधारित थी. फिल्म की कहानी दो परिवारों के बीच की दुश्मनी पर केंद्रित थी. फिल्म में दोनों परिवारों एक खजाने को पाने में लगे रहते हैं. फिल्म में दुश्मन होने के बाद भी आमिर खान और जूही चावला रोमांस करते देखे गये. बाद में दोनों एक होने के लिए घर से भाग जाते हैं. पर शायद दर्शकों को यह रोमांस पंसद नहीं आया और वह बड़ी संख्या में सिनेमाघरों तक नहीं पहुंचे.

आतंक ही आतंक

साल 1995  में आई यह फिल्म क्राइम पर आधारित थी. फिल्म को जाने माने निर्देशक दिलीप शंकर ने निर्देशित किया था.यह फिल्म 'द गॉड फादर' से प्रेरित थी. फिल्म में आमिर खान के अलावा रजनीकांत, जूही चावला और अर्चना जोगलेकर अभिनय करते दिखे. फिल्म में आमिर का अभिनय सराहनीय रहा, पर कमजोरकहानी के चलते यह फिल्म पर्दे से जल्द उतर गई.

आमिर खान की कम पॉपुलर फिल्मों में से ज़्यादातर क्लासिक फिल्में मानी जाती हैं. इस बात से ये साबित होता है कि आमिर के पास शुरू से फिल्में चुनने की अलग सोच रही है. यही वजह है कि उनकी ज़्यादातर फिल्में यादगार रहीं हैं. हमारी तरफ से आमिर को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं और हम यही चाहेंगे कि आगे भी आमिर अच्छी फ़िल्मों से हमारा मनोरंजन करते रहें.

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