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भारतीय फिल्मों और टीवी शो पर पड़ा कोरोना वायरस का असर, महीने के अंत तक IMPPA ने शूटिंग्स बंद रखने के दिए निर्देश

कोरोना वायरस का असर दुनिया के हर कोने में देखने मिल रहा है, ऐसे में इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी इससे से अछूती नहीं है. जी हां, गुरुवार, 19 मार्च, 2020 से, टीवी शो, फिल्मों और डिजिटल शो के सभी शूट COVID-19 महामारी के कारण बंद हो जाएंगे. इस तरह से शूटिंग 31 मार्च, 2020 तक बंद रहेगी. आपको बता दें कि यह फैसला 15 मार्च, 2020 को आयोजित IMPPA, FWICE, IFTDA, IFTPC और WIFPA के बीच एक संयुक्त बैठक में लिया गया है. बता दें कि यह निर्णय केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा की गई पहलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इस मौके पर अपने संबंधित एसोसिएशनों की ओर से बैठक के लिए उपस्थित थे अशोक पंडित (फिल्म मेकर, IFTDA के प्रेजिडेंट), जेडी मजेठिया (टीवी प्रोड्यूसर और प्रेजिडेंट IFTPC), टीपी अग्रवाल (प्रेजिडेंट IMPPA), अशोक दुबे (जनरल सेक्रेटरी FWICE), संग्राम शिर्के (प्रेजिडेंट WIFPA), प्रोड्यूसर्स टीनू वर्मा, प्रदीप सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे. 

सभी प्रोड्यूसर्स को तीन दिन का समय दिया गया है और उन्हें कहा गया है कि दुनिया के किसी भी कोने में वह शूटिंग कर रहे हैं तो वह वापस आ जाएं. ऐसे में जेडी मजेठिया ने कहा है, "देश, समाज और फिल्म वर्कर्स के हित में, इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के सभी संघों ने 19 मार्च से 31 मार्च, 2020 तक भारत भर में फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और वेब शो की शूटिंग बंद करने का निर्णय लिया है."

वहीं, IFTDA प्रेजिडेंट अशोक पंडित ने कहा, “कोरोनावायरस महामारी दुनिया भर में फैल गई है और हमने सभी एसोसिएशन के साथ लंबी बैठक के बाद सभी शूटिंग को बंद करने का निर्णय लिया है. भारत भर के सभी एसोसिएशन और इंडस्ट्री - उत्तर, दक्षिण या अन्य क्षेत्रीय - इस निर्णय में हमारे साथ हैं.  पंडित ने आगे कहा, “हमने सभी प्रोड्यूसर के लिए तीन दिन का समय दिया गया है ताकि वे भारत में या देश के बाहर कहीं भी काम करने वाली अपनी टीमों को वापस आने के लिए कह सकें. यह ब्रॉडकास्टर्स को शूट बंद के दौरान उनकी प्रोग्रामिंग के बारे में सोचने के लिए भी कुछ समय देगा. COVID-19 का मुकाबला करने के बारे में फिल्म इंडस्ट्री बेहद गंभीर है. शटडाउन के दौरान, सेट पर सफाई और स्वच्छता को लागू किया जाएगा.

वहीं FWICE जनरल सेक्रेटरी अशोक दुबे ने कहा, “मैं 25 लाख वर्कर्स और तकनीशियनों का प्रतिनिधित्व करता हूं जो दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं. लेकिन जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं है. हम प्रोड्यूसर के निकाय द्वारा लिए गए निर्णय से सहमत हैं और हम 31 मार्च को भी लिए गए निर्णय के अनुपालन में होंगे."

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