कोरोना की वजह से फिल्म इंडस्ट्री मुश्किलों के दौर से गुजर रही है. पहले 31 मार्च तक देश बंद था..पर सरकार ने अब 15 अप्रैल तक देश लॉकडाउन कर दिया. जिससे रोजगार संकट जैसी समस्याएं भी पैदा हो गई है. इसका सबसे ज्यादा असर दिहाड़ी पर काम करने वाले वर्कर्स पर पड़ रहा है. फिल्म इंडस्ट्री में ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है, जो डेली वेज वर्कर हैं.
कोरोना वायरस के आउटब्रेक के बाद सबसे पहले सिनेमाघरों को बंद किया गया. इसके बाद प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने 19 मार्च से टीवी,फ़िल्म और ओटीटी की शूटिंग को बंद करने का फैसला लिया. इसके कुछ दिनों बाद ही मुंबई को लॉक डाउन कर दिया गया। अब हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री में काम करने वाले लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है.
प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कोरोना से प्रभावित फिल्म इंडस्ट्री के कर्मचारियों के लिए एक सहायता कोष का गठन किया था. फिल्म एंड टेलीविजन प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (एफटीपीजी) ने एक बैठक आयोजित करने के लगभग 24 घंटे बाद दैनिक वेतन श्रमिकों को वित्तीय सहायता देने के लिए योजना बनाई थी. 'फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज' ने किराने का सामान और अन्य आवश्यक चीजें वितरित करने का वादा किया, पहल पर बहुत कम प्रगति हुई है. लेकिन अब हालात और भी बुरे हो गए हैं क्योकि देश 21 दिनों तक बंद हैं.
एक लीडिंग वेबसाइट पर दिए इंटरव्यू में प्रोड्यूसर्स गिल्ड के उपाध्यक्ष, मनीष गोस्वामी ने कहा, "हर वर्कर्स के पास बैंक खाता नहीं होता है, इसलिए उन्हें पैसा इकट्ठा करना होगा लेकिन चार से पांच लोगों की एक जगह इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है, जिस वजह से हमारी मुश्किलें बढ़ गई है.''
Producers Guild of India sets up Relief Fund for workers affected by production shutdown owing to the COVID-19 epidemic-Official Statement#SiddharthRoyKapur @kulmeetmakkar #coronavirus pic.twitter.com/OGARZbDWxl
— producersguildindia (@producers_guild) March 17, 2020
मनीष गोस्वामी ने आगे कहा, "हमें कई लोगों से मौखिक प्रतिबद्धता मिली है, लेकिन जब से उत्पादन बंद हैं, वे लेनदेन करने में सक्षम नहीं हुए हैं. उम्मीद है कि 31 मार्च से फिर धन आना शुरू हो जाएगा और हम उन्हें वितरित कर सकते हैं.”
बते दें कि, मंगलवार शाम को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन की देशव्यापी तालाबंदी की घोषणा की है.
(Source: Mid Day)