लॉकडाउन के दौरान गरीबों का खाना बांटकर उसका प्रचार करने के चक्कर में अभिनेता सचिन जोशी बुरे फंस गए हैं. सचिन जोशी गुटखा किंग जगदीश जोशी के बेटे हैं जिनका नाम सीबीआई की चार साल पहले दायर चार्जशीट में भी शामिल है. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से काम न मिलने वाले कर्मचारियों को खाना बांटने के लिए अभिनेता और बिजनेसमैन सचिन जोशी जैसे ही आगे आए, वैसे ही विवादों में घिर गए हैं. सचिन की कंपनी वाइकिंग वेंचर्स में काम करने वाले कर्मचारियों ने सचिन का भांडा फोड़ दिया है.
कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि उन्हें सचिन की कंपनी छोड़े हुए कई महीने बीत गए हैं लेकिन अभी तक उन्हें अपने काम का पैसा नहीं मिला है. ऐसे में कोई व्यक्ति दान कैसे कर सकता है?
एक लीडिंग वेबसाइट के अनुसार वाइकिंग वेंचर्स और उसके संचार विंग थिंक टैंक के लगभग 30 कर्मचारियों को अभी भी अपना पूरा वेतन मिलना बाकी है. मार्च 2019 से उनका वेतन रोक दिया गया है और जो पूरी रकम 30 लाख रुपये से थोड़ी अधिक है.
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कंपनी के पूर्व मार्केटिंग मैनेजर कृष्णा चौधरी ने कहा कि अक्टूबर 2018 में शामिल होने के बाद से, वेतन में अक्सर देरी होती थी. उसी के बारे में बताते हुए, उन्होंने लीडिंग वेबसाइट को बताया कि, '26 मार्च, 2019 को, मी. जोशी ने एक ई-मेल भेजा था जिसमें कहा गया था कि अप्रैल से वेतन समय पर होगा. उस महीने, उन्होंने फरवरी 2019 तक हमारे सभी वेतन को मंजूरी दे दी...लेकिन मुझे इसके बाद एक पैसा भी नहीं दिया गया. मैंने जून में अपना इस्तीफा दे दिया, और तब से अपने चार महीने के वेतन को लेकर HR का पीछा कर रहा हूं...जबकि मेरी कोई सुन नहीं रहा हैं. विभाग ने पिछले दिसंबर में धन की कमी का हवाला देते हुए भुगतान में देरी का कारण बताते हुए एक ई-मेल भेजा. कंपनी के पास दान के लिए पैसा कैसे है, लेकिन हमारे लंबित वेतन का भुगतान करने के लिए नहीं? "
सचिन जोशी इससे पहले उस वक्त सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने 2017 की बैंक नीलामी में विजय माल्या की गोवा स्थित किंगफिशर विला को 73 करोड़ रुपये में खरीदा था. वाइकिंग वेंचर्स में काम करने वाले तमाम लोगों को नौकरी छोड़ने के बाद पूरा भुगतान नहीं किया गया. यहां तक कि कंपनी के अधिकारियों ने कर्मचारियों के फोन तक उठाने बंद कर दिए.
पूरे मामले में नया टर्न ये भी है कि सचिन जोशी की कंपनी ने अब इन कर्मचारियों पर धोखाधड़ी के आरोप लगाकर उनके खिलाफ जांच जारी होने की बात कही है. सचिन जोशी के प्रवक्ता ने अपने पूर्व कर्मचारियों के आरोपों के बारे में एक बयान जारी किया है. बयान में कहा गया, 'हमने एक विशेष सीईओ (अब हमारे साथ नहीं) को काम पर रखा है, जिन्होंने कर्मचारियों के एक समूह के साथ गैरकानूनी प्रथाओं और धोखाधड़ी को अंजाम दिया. उक्त सीईओ के साथ काम करने वाले सभी लोग अब जांच के दायरे में हैं और उनका भुगतान हो रहा है. यह प्रक्रिया जून 2020 तक पूरी हो जानी चाहिए. जिन लोगों को क्लीन चिट दी गई है, उन्हें उनका उचित बकाया मिलेगा, और प्रबंधन दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा.'
वहीं, खबरों के मुताबिक कंपनी छोड़ चुके कुछ कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें कभी बताया ही नहीं गया कि वह किसी छानबीन का हिस्सा हैं.
(Source: Mid-Day)