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सोनू सूद ने कहा, 'मैं तब तक काम करूंगा जब तक हर मजदूर अपने घर नहीं पहुंच जाता'

मजदूर अपने घर पहुंचना चाहते है लेकिन सभी तरह के ट्रांसपोर्ट सेवाएं बंद होने से वो अपने परिवार के साथ पैदल ही घर की तरफ रवाना हो गए. पिछले कई दिनों से आये दिन मजदूरों की ऐसी खबरें पढ़ने को मिली है, जो इंसान को हिला कर रख दें. सोनू सूद ने जब सोशल मीडिया पर मजदूरों की ऐसी फोटोज, वीडियोज और खबर पढ़ी तो उन्हें दुख हुआ और फिर उन्होंने और उनकी टीम ने मिलकर लोगों की मदद करने का फैसला किया.  

एक लीडिंग डेली को दिए इंटरव्यू में सोनू ने बताया, 'मैं इनकी मदद इसलिए कर रहा हूं क्यूंकि मैं भी मजदूर था. जो बहुत सारे सपने लेकर मुंबई आता है. जब मैंने इन मजदूरों की तस्वीरें देखी और इनके बारे में पढ़ा कि कैसे ये लोग बिना खाना और पानी के हजारों किलोमीटर का सफर तय कर रहे हैं, मुझे मेरे पुराने दिन याद आ गए. मैं पहली बार मुंबई बिना रिजर्व टिकट के ट्रैन में आया. दरवाजे के पास खड़ा था और वॉशरूम के पास जो जगह थी वहां सोया था. 

इंडस्ट्री से सोनू के दोस्त भी उनकी मदद कर रहे हैं. रोहित शेट्टी और तब्बू उनसे बात करते हैं. फराह खान रोजाना सोनू को फ़ोन करती है जाने के लिए कि अगर उन्हें कोई हेल्प चाहिए. सोनू ने बताया कि वह तेलंगाना के मजदूरों को भी घर भेजना चाहते हैं लेकिन अभी वहां की सरकार महाराष्ट्र से आये लोगों को स्वीकार नहीं कर रही है. इसलिए मैं इंतजार कर रहा हूं. जब तक हर मजदूर घर न पहुंच जाए मैं काम करूंगा. 

सोनू को इस काम के लिए गवर्नर ऑफ़ मुंबई भगत सिंह कोशियारी ने भी उनकी तारीफ़ की. बॉम्बे टाइम्स से बातचीत में सोनू ने बताया, 'उन्हें लगातार लोगों के फ़ोन आ रहे हैं. कितने लोगों को भेज रहे हैं. पूरे भारत से करीब 56K मेसेजेस आ रहे हैं. इस दौरान एक बात ने सोनू के दिल को छू लिया. 12 मई को एक ग्रुप को मैंने दरभंगा भेजा. उसमें दो महिलाएं गर्भवती थी. वह ग्रुप घर पहुंचा और कल महिला ने बच्चे को जन्म दिया. उन्होंने मुझे फ़ोन किया यह बताने के लिए कि उन्होंने अपने बच्चे का नाम सोनू सूद रखा. मैंने उनसे कहा कि वह सोनू सूद कैसे हो सकता है आपका सरनेम श्रीवास्तव है. उन्होंने कहा नहीं हमने अपने बेटे का नाम सोनू सूद श्रीवास्तव रखा है. 

 

(Source: EtIMES)

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