एक्टर सोनू सूद कोरोनावायरस के चलते हुए लॉकडाउन में प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित उनके घरो तक पहुंचाने को लेकर खूब चर्चाओं में हैं. सोनू सूद अब तक हजारों मजदूरों को उनके घर पहुंचा चुके हैं. वो दिन रात मजदूरों को घर पहुंचाने के काम में लगे उनके साथ इस नेक काम में उनकी पत्नी और दोनों बेटे भी उनका साथ दे रहे हैं. वह लगातार मुंबई और आसपास के इलाकों में लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासियों को उनके घर भेजने और खाने का इंतजाम कर रहे हैं. बसों की व्यवस्था से टोल फ्री नंबर लॉन्च करने तक, सोनू हरसंभव मदद की कोशिश कर रहे हैं. उनके अथक प्रयासों ने उन्हें देश के सभी हिस्सों से काफी तारीफ मिल रही हैं...ऐसा इसलिए है क्योंकि वो केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है, उन्होंने पूरे भारत में कोई कहीं भई फंसा हैं उसकी मदद कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर उन्हें 'मजदूरों का मसीहा' कहा जा रहा है. वह लगातार बिना रुके ये काम कर रहे हैं.
एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए सोनू ने कहा कि, 'जिस दिन हमारी बसें लोगों के कर्नाटक पहुंचा रही थी...उस दिन से मेरा फ़ोन बजना बंद नहीं हुआ...मुझे लगातार कॉल और मैसेज आ रहे हैं....यही वजह है कि मैंने टोल फ्री नंबर शुरू किया है...टोल फ्री नंबर पर भी कॉल्स की बाढ़ सी आ गई है. अभी हमारी वेटिंग लिस्ट में 70,000 से ज्यादा लोग हैं...और कई हमसे संपर्क कर रहे हैं.'
सोनू ने मुंबई में रुके हुए प्रवासी मजदूरों के लिए यूपी और बिहार में भेजने के लिए तीन ट्रेनों की बुकिंग की है. 46 साल के सोनू सूद बताते हैं कि, 'ट्रेनों और फ्लाइटों से यात्रा करने से समय की बचत होती है और उसमें ज्यादा लोग जा सकते हैं. बसों को अधिक समय लगता हैं. और हमें हर उस राज्य से अनुमति लेने की ज़रूरत है जो इसे पार करता है, जिसमें समय लगता है...सभी का धन्यवाद, जो हमे सपोर्ट कर रहे हैं.'
बता दें कि हाल ही में सोनू ने 177 लड़कियों को एयरलिफ्ट कराया है जो केरल के एर्नाकुलम में फंसी थीं. ये लड़कियां एक लोकल फैक्ट्री में सिलाई और कढ़ाई का काम करती हैं. फैक्ट्री कोरोना के चलते बंद हो गई, ऐसे में ये सभी मुश्किल में थीं. जब सोनू को एक दोस्त ने इस बारे में बताया तो वह तुरंत मदद को आगे आ गए.
(Source: Hindustan Times)