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'गुलाबो सीताबो' पर बोले आयुष्मान खुराना, 'अपने आइडल के आस- पास प्रोफेशनल दिखना मुश्किल होता है' 

आयुष्मान खुराना के लिए' गुलाबो सीताबो' एक फिल्म और अभिनय से कही ज्यादा अपने आइडल अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर करना था. यह फिल्म 200 से भी ज्यादा देशों में 15 भाषाओं में रिलीज हो गयी है. 

मिड डे को दिए इंटरव्यू में आयुष्मान ने बताया, 'दम लगा के हईशा की रिलीज के बाद अमिताभ बच्चन जी ने मुझे एक खत भेजा, जिसमें उन्होंने मेरे अभिनय की तारीफ़ की. जब मुझे 'अंधाधुन' के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला उन्होंने खूबसूरत मैसेज लिखा मेरे लिए. अपने आइडल  प्रोफेशनल बनकर रहना बहुत मुश्किल होता है. मुझे ख़ुशी है कि वह स्वयं का किरदार नहीं बल्कि एक कैरेकटर को पर्दे पर निभा रहे थे. इसलिए सेट किसी लेजेंड के होने का आभास नहीं था लेकिन पैकअप के बाद विश्वास करने के लिए मैं खुद को पिंच करता था. 

फिल्म की रिलीज के दिन आयुष्मान ने अमिताभ के लिए एक पोस्ट शेयर करते हुए नोट लिखा, 'जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन. मेरी आख़िरी फ़िल्म में एक dialogue था कि बच्चन बनते नहीं है, बच्चन तो बस होते हैं. जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनमा में 'हम' देखी थी और बढ़े से बच्चन को बढ़े से पर्दे पर देखा था तो शरीर में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हुई जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया.

Exclusive: शूजित सरकार चाहते थे फिल्म इंडस्ट्री से मिले 'गुलाबो सिताबो' के ऑनलाइन रिलीज के फैसले को समर्थन, डायरेक्टर ने कहा- 'हमने सही पहली आलोचना'

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन। मेरी आख़िरी फ़िल्म में एक dialogue था कि बच्चन बनते नहीं है, बच्चन तो बस होते हैं। जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनमा में “हम” देखी थी और बढ़े से बच्चन को बढ़े से पर्दे पर देखा था तो शरीर में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हुई जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया। मेरा पहला tv शूट मुकेश मिल्ज़ में हुआ था और यही वो जगह थी जहां जुम्मा चुम्मा दे दे शूट हुआ था। उस दिन मुझे I have arrived वाली feeling आ गयी थी। अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे मैं किस अनुभूति से गुज़र रहा होऊँगा। गुलाबो सिताबो में मेरे सामने बतौर ‘सह’ कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी की हमें एक दूसरे को बहुत ‘सहना’ पड़ा। वैसे असल में मेरी क्या मजाल की मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊँ। इस विसमयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूँगा की उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ़्रेम में दिखाया है। दादा आप मेरे गुरू हैं, आपका हाथ थाम कर यहाँ तक पहुँचा हूँ। “सौ जन्म क़ुर्बान यह जन्म पाने के लिए, ज़िंदगी ने दिए मौक़े हज़ार हुनर दिखाने के लिए।” -आयुष्मान Catch #GiboSiboOnPrime today!

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आयुष्मान ने आगे लिखा, 'मेरा पहला tv शूट मुकेश मिल्ज़ में हुआ था और यही वो जगह थी जहां जुम्मा चुम्मा दे दे शूट हुआ था. उस दिन मुझे I have arrived वाली feeling आ गयी थी. अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे मैं किस अनुभूति से गुज़र रहा होऊंगा. 'गुलाबो सिताबो' में मेरे सामने बतौर ‘सह’ कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी कि हमें एक दूसरे को बहुत ‘सहना’ पड़ा. वैसे असल में मेरी क्या मजाल की मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊं.  इस विसमयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ़्रेम में दिखाया है. दादा आप मेरे गुरू हैं, आपका हाथ थाम कर यहां तक पहुंचा हूं. 'सौ जन्म क़ुर्बान यह जन्म पाने के लिए, ज़िंदगी ने दिए मौक़े हज़ार हुनर दिखाने के लिए.' -आयुष्मान'

फिल्म में आयुष्मान और अमिताभ के अलावा विजय राज और बृजेंद्र काला जैसे एक्टर अहम किरदार में है. फिल्म की कहानी लखनऊ में बेस्ड है. 

(Source: Mid- Day

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