लॉकडाउन शुरू होने के बाद जो जहां था, वह वहीं फंसा रह गया. लॉकडाउन से सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर प्रभावित हुए हैं. जिनकी मदद के लिए कोई राज्य सरकार सामने नहीं आ रही थी. ऐसे में सोनू सूद ने किसी सुपरहीरो की तरह आकर उनकी मदद की है और ज्यादा से ज्यादा प्रवासी मजदूरों, छात्रों और जरूरतमंदो को उनके गांव पहुंचाया है. सोनू ने #GharBhejo नामक एक पहल के साथ लोगों को घर भेजने के लिए राज्यों में बस सेवाओं की व्यवस्था की।. इसने लाखों लोगों का दिल जीत लिया और जल्द ही उन्हें इसे लेकर सभी का प्यार मिलने लगा. हालांकि उनपर यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके राहत प्रयासों के पीछे एक राजनीतिक मकसद भी था. आरोप शिवसेना नेता संजय राउत और कांग्रेस नेता नगमा ने लगाए. वहीं हाल रही में सोनू ने सभी आरोपों पर चुप्पी तोड़ते हुए ऐसे लोगोंको मुंडतोड़ जवाब दिया हैं.
इन आरोपों का जवाब देते हुए सोनू ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि, 'जब मुझपर इसे लेकर आरोप लगाए गए और विवाद छिड़ गया तो मैंने यह भी नहीं पढ़ा कि क्या लिखा जा रहा था। जब किसी ने इस मामले पर मेरी राय लेने के लिए फोन किया, तो मैं मजदूरों के लिए यात्रा की व्यवस्था करने में व्यस्त था और मैंने उन सभी व्यक्ति से कहा कि अभी मैं कुछ महत्वपूर्ण काम कर रहा हूं और मेरे पास इस बात पर प्रतिक्रिया देने के लिए समय नहीं है.'
सोनू सूद ने आगे कहा कि, 'मेरे द्वारा किए गए कामों में भले ही लोग सवाल उठा रहे हो लेकिन इसके बावजूद में लोगों की मदद करना बंद नहीं करूंगा. जब तक लोग मदद मांगेंगे मैं उनकी मदद के लिए हाजिर रहूंगा मैं यह सब प्रेमवस कर रहा हूं मैं चाहता हूं लोग अपने परिवारों से मिले.' सोनू सूद ने आगे कहा कि, ' लोगों के सवाल उठाने से मैं कमजोर नहीं होता हूं.. बल्कि मेरे अंदर और आधी कीमत आ जाती है और मैं पूरे जोश के साथ और अधिक काम करता हूं मेरी इच्छा है कि हर मजदूर जब तक घर न पहुंच जाए तब तक मैं काम करता रहूं. यात्रा पूरे जोश के साथ जारी रहेगी हम बस इतना चाहते हैं कि सभी मजदूर अपने घर सुरक्षित पहुंच जाएं
(Source: TOI)