अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों के दिलों और फिल्म इंडस्ट्री में जगह बनाने वाले एक्टर विक्रांत मैसी ने हिंदी सिनेमा में नेपोटिज्म को लेकर चल रही बहस में अपने साथ हुई एक घटना का खुलासा किया है. विक्रांत मैसी ने बताया कि उन्हें एक फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर के जूरी पुरस्कार के लिए नामित किया गया था...लेकिन, एक बाहरी कलाकार होने की वजह से उन्हें उस पुरस्कार समारोह में आमंत्रित ही नहीं किया गया था.
दरअसल पूरा मामला शुरू हुआ...हाल ही में भारत में सबसे बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में से एक डिज्नी प्लस हॉटस्टार ने अपनी आने वालीं सात फिल्मों की घोषणा करने के लिए एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था. इस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ चार फिल्मों के ही एक्टर्स को को अपनी फिल्मों का नेतृत्व करने के लिए बुलाया गया था...जिसपर विद्युत जामवाल और कुशाल खेमू ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करके अपनी नाराजगी जाहिर की थी. इस पोस्ट पर विक्रांत ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि पता नहीं यह सिस्टम कब सुधरेगा?
Fair & Lovely se FAIR toh hata diya...
Par yeh system kab FAIR hoga??? https://t.co/fBYeM0ICij
— Vikrant Massey (@masseysahib) June 30, 2020
वहीं विक्रांत की तरफ से दी गई इस प्रतिक्रिया के बारे में एक्टर ने एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए कहा कि, 'यह रिएक्शन इंडस्ट्री में एक ढर्रे पर चलने वाले सिस्टम के बारे में थी...एक लोकप्रिय कलाकार के साथ फिल्म बनाना ठीक है क्योंकि फिल्म निर्माण भी एक व्यापार ही है....लेकिन, मैं अपने ट्वीट के जरिए कहना चाहता था कि दूसरे कलाकारों को भी ठीक वैसे ही मौका मिलना चाहिए. इस घटना का शिकार मैं खुद हो चुका हूं. मुझे एक फिल्म में काम करने के बाद सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के जूरी पुरस्कार के लिए नामित किया गया था...लेकिन, मुझे उस समारोह में बुलाया तक नहीं गया...तो क्या मुझे इससे दुखी होना चाहिए? नहीं! यह मेरे लिए मायने नहीं रखता... क्योंकि, सिस्टम ही ऐसा है. मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देता हूं.'
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उन्होंने ये भी कहा कि, 'अजीब स्थिति यह है कि आज भी भाई-भतीजावाद है, लेकिन अंत में यहां बने रहने के लिए प्रतिभा का होना जरुरी है. टीवी में काम करते हुए मैंने ये बातें देखीं और लोगों ने मुझे इसके बारे में समझाया. मुझे पता था कि फिल्म इंडस्ट्री में अपने पांव जमाने के लिए मुझे 10-11 साल लगेंगे. मैं ऐसा करने को तैयार भी था, क्योंकि मुझे पता है कि मेरे पास कुछ ऐसा है जो अनोखा है और अब लोग उसे पहचानने लगे हैं.'
बता दें, विक्रांत ने यहां जिस घटना का जिक्र किया है वह साल 2017 में आई कोंकणा सेन शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म 'ए डेथ इन द गंज' के बारे में थी. इस फिल्म में विक्रांत ने श्यामल चटर्जी का किरदार निभाया है जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के फिल्मफेयर जूरी पुरस्कार के लिए नामित किया गया था.
(Source: Hindustan Times)