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जावेद जाफरी ने पिता जगदीप के लिए लिखा इमोशनल नोट, कहा- 'उन्होने मुझे जिंदगी की कीमत के साथ गरीबी के बारे में भी पाठ पढ़ाया'

दिग्गज अभिनेता जगदीप का 8 जुलाई को मुंबई में निधन हो गया. उन्हें 9 जुलाई को मुंबई के एक कब्रिस्तान में परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में अंतिम विदाई दी गयी. बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता जगदीप जिन्हें 'सूरमा भोपाली' के नाम से जाना जाता था. जगदीप का असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी है. उन्होंने दशकों तक बॉलीवुड पर राज किया था. वहीं दिग्गज कलाकार के जाने से बॉलीवुड से लेकर टीवी इंडस्ट्री तक शोक में हैं. वहीं पिता के जाने के गम में जावेद जाफरी ने सोशल मीडिया पर बहुत ही भावुक कर देने वाला नोट लिखा हैं.  

एक इमोशनल पोस्ट को जावेद ने ट्विटर पर शेयर किया. उन्होंने लिखा- 'मेरे पिता के जाने पर हमारा दुख बांटने वालों को मेरा तहे दिल से शुक्रिया. इतना प्यार... इतनी इज्जत...इतनी दुआएं..यही तो है 70 सालों की असली कमाई.' साथ ही जावेद जाफरी ने पिता की फिल्मी जर्नी के बारे में बात की. उन्होंने लिखा, '10 साल की उम्र से 81 तक, उन्होंने जो जिया और जिसके लिए सांस ली वो फिल्में थीं. 7 साल की उम्र में अपने पिता को खोने और बंटवारे के बाद , उनका सीधा मुकाबला गरीबी से हुआ था. उन्हें मुंबई के फुटपाथ पर अपनी जिंदगी को बिताया है. महज 8 साल की उम्र में उन्हें और उनकी मां को मुंबई नाम के एक निर्दयी समंदर में फेंक दिया गया था. उनके पास दो ही ऑप्शन थे- या तो तेरो या फिर डूब जाओ. उन्होंने तैरने को चुना.'
 

जावेद ने आगे लिखा कि, 'छोटी-छोटी फैक्ट्रियों से लेकर, पतंगें बनाने, साबुन बेचने, मालिशवालों के पीछे कनिस्टर लेकर चलने और चिल्लाने 'मालिश, तेल मालिश' तक उन्होंने बहुत कुछ किया है. 10 साल की उम्र में उनकी किस्मत ने उनके लिए जो चुना, वो था सिनेमा. उनके सफर की शुरुआत बी.आर चोपड़ा साहब की पहली फिल्म अफसाना से हुई थी. इसे 1949 में शूट किया गया और 1951 में रिलीज हुई. और जैसा कि बोला जाता है 'हजारों किलोमीटर का सफर एक कदम से ही शुरू होता है', उसके बाद उन्होंने कभी पीछे पलटकर नहीं देखा. उनके लिए बिमल रॉय, गुरु दत्त, के आसिफ, महबूब खान पिता समान थे और उनके वे उन्हें अपना गाइड मानते थे.'

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अपने पिता के एक्टिंग टैलेंट पर चौंकते हुए जावेद ने आगे लिखा, 'हिंदी सिनेमा के सबसे नेचुरल चाइल्ड एक्टर होने से लेकर, जिसे मैंने देखा, एक सेंसिटिव लीडिंग मैन और एक बेहतरीन कॉमेडियन जिसकी टाइमिंग का जवाब था तक, उन्होंने कभी भी लोगों का मनोरंजन करने और लोगों को चौंकाने में कभी कमी नहीं की. आज के समय में लेजेंड यूं ही किसी को भी बोल दिया जाता है. लेकिन उनके केस में ये शब्द बिल्कुल सही था.'


जावेद ने आगे कहा कि, 'एक पिता जिसने मुझे जिंदगी की कीमत बताई, गरीबी के बारे में पाठ पढ़ाए, बताया कि निष्ठा कितनी महत्वपूर्ण है और अपने क्राफ्ट को सिखाया. उन्होंने मुझे सकारात्मकता और प्रेरणा की अनगिनत कहानियां सुनाईं. वो हमेशा स्माइल करते रहते थे, हमेशा प्रोत्साहित करने वाली बातें करते थे, और हमेशा मुझे याद दिलाते थे कि इंसान की सफलता इस बात से होती है कि वो क्या है, ना कि उसके पास क्या है और एक इंसान क्या जानता है ना कि वो किसको जनाता है. क्या इंसान थे वो! क्या कमाल सफर था उनका.'

(Source: Twitter)

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