सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बॉलीवुड में नेपोटिज्म, इंसाइडर्स वर्सेज आउटसाइडर्स और ग्रुपिज्म पर बहस छिड़ गई है. कई एक्टर्स, संगीतकार, राइटर, डायरेक्टर्स इस पर खुल कर बोल चुके है कि उऩके साथ बहुत पक्षपात हुआ हैं. वहीं 'पैडमैन', 'चीनी कम', 'पा' जैसी फिल्में बनाने वाले फिल्ममेकर आर बाल्की का मानना है कि बॉलीवुड में किसी बाहरी व्यक्ति के लिए फिल्मों में एंट्री करना ज्यादा मुश्किल है लेकिन ये भी सच है कि प्रतिभा को मौका मिलता है. उन्होंने ये माना कि स्टार किड्स को पहली बार पर्दे पर काम करने के लिए एडवांटेज मिलता है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि एक्टर्स जैसे आलिया भट्ट और रणबीर कपूर बेहद टैलेंटेड हैं और उनके जैसा कोई नहीं है.
एक लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए आर बाल्की ने कहा कि, 'ये तो समाज के हर वर्ग में देखने को मिलता है, बिजनेस मैन अपने व्यापार को अपने बेटों को सौंपते हैं. ड्राइवर या सब्जी बेचने वाला भी अपने बच्चों को अपना बिजनेस सौंपता है. यह एक मूर्खतापूर्ण तर्क है. हमें ये याद रखना चाहिए कि हम एक स्वतंत्र समाज में रहते हैं. ऐसे में सवाल ये है कि सवाल ये है कि स्टार किड को गलत या ज्यादा फायदा मिलता है कि नहीं'. आर बाल्की ने आगे कहा कि, ' सवाल यह है कि क्या वे (स्टार किड्स) अनुचित या बड़ा फायदा उठाते हैं? लेकिन मैं एक साधारण सवाल पूछता हूं. मुझे आलिया भट्ट या रणबीर कपूर से बेहतर अभिनेता खोजें और हम बहस करेंगे. यह उन कुछ लोगों पर अनुचित है जो शायद कुछ बेहतरीन अभिनेताओं में से हैं.'
साथ ही आर बाल्की ने उन लोगों पर निशाना साधा जो सोशल मीडिया पर आलिया और उनके पिता को निशाना बना रहे हैं. फिल्ममेकर ने कहा कि, 'आलिया की प्रतिभा का जश्न मनाने के बजाय, लोग उसके बारे में फिल्म निर्माता पिता की बेटी होने की बात करते हैं. कभी-कभी दर्शक स्क्रीन पर स्टार किड्स भी देखना चाहते हैं. यह केवल पहला मौका है जो उन्हें मिलता है. इसके बाद उन्हें अपने काम से लोगों के दिलों में जगह बनानी पड़ती हैं.' वहीं उन्होंने इस बात को माना कि बॉलीवुड में एक आउटसाइडर के लिए जगह बनाना ज्यादा मुश्किल है. उन्होंने कहा, 'वो पहला चांस ही होता है जिसकी आपको जरूरत होती है. उसके बाद आप अपनी जिम्मेदारी होते हैं. मैं मानता हूं कि एक आउटसाइडर के लिए फिल्मों में एंट्री कर पाना ज्यादा मुश्किल होता है, लेकिन आपका टैलेंट आपको मौके दिलाता है.' आर बाल्की ने बताया कि अपनी फिल्म में कास्टिंग के लिए वो सिर्फ इन बातों को देखते हैं कि कौन-सा एक्टर रोल को सूट करेगा और कौन उस समय उपलब्ध है.
(Source: Hindustan Times)