हाल ही में ऋचा चड्ढा ने अपने ब्लॉग में इंडस्ट्री के पांखड और खोकलेपन से पर्दा हटाया. किसी का नाम न लेते हुए ऋचा ने उस उस इंसिडेंट के बारे में बताया जिसे जानने के बाद उन्हें लगा कि लोग कितने मतलबी है. 'इस बिजनेस में कोई अपनी खुद की एजेंसी/ मैनेजर पर भरोसा नहीं कर सकता. क्यूंकि वह आपसे चुरा सकते हैं. भले ही प्रतिभा के रूप में आप अपना सारा विश्वास और रहस्य उस इंसान के पास जमा कर देते हैं, ऋचा ने यह बात उस समय को याद करते हुए बताया जब उनके फॉर्मर मैनेजर ने स्पष्टीकरण देते हुए बताया की सभी ऐसा करते है. मैंने देखा है कि किस तरह से जर्नलिस्ट्स, पब्लिसिट्स और फिल्म प्रमोशन के लोग व्यापार और उसके विषमता के बीमार थे. इनमें से कुछ लोगों से आप मिले होंगे.
ऋचा ने यह भी कहा कि 29 अप्रैल को इरफन के निधन से पहले एक एक्टर ने प्रेस रिलीज तैयार कर रखा था. उन्होंने एक फिल्म जर्नलिस्ट के बारे में भी बताया जिसने अभिनेता के निधन से कुछ देर पहले उनकी टीम को फ़ोन किया और इरफ़ान की कंडीशन के बारे में बताने के लिए कहा और बाद में खबर न ब्रेक कर पाने की शिकायत भी की. एक पत्रकार ने उनके पार्टनर अली फजल के मां के निधन के समय भी फ़ोन किया था और कहा कि अगर वह एम्बुलेंस या शव की कोई फोटो भेज सके.
इसी ब्लॉग में ऋचा ने यह भी बताया कि कई डायरेक्टर्स को एक महीने पहले शोकभरे मेसेज शेयर करते देखा. इनमें से कई ने अपने साथ के लोगों की फिल्में रिलीज से पहले बर्बाद कीं, आखिर वक्त पर उन ऐक्ट्रेसस को रिप्लेस किया, जिन्होंने उनके साथ सोने से मना कर दिया और कई ने बार-बार भविष्यवाणी की 'इसका कुछ नहीं होगा'. ऐसे ही दूसरों का भविष्य देखने वाले आखिर में अपने चेहरे पर अंडे से भुर्जी बनाकर बैठते हैं. आप ईश्वर नहीं हैं. दुनिया को थकेपन और मानवद्वेष फैलाने वाली बातों से संक्रमित करना बंद कीजिए।