'खतरों के खिलाड़ी' 10 में बलराज की जर्नी थोड़ी अप्स एंड डाउन वाली थी. हाल ही में उन्होंने शो में अपने अनुभव, क्यों फिनाले में नहीं थे और एलिमिनेट होने के बाद वाइल्डकार्ड कंटेस्टेंट की तरह एंट्री करने पर बात की. अपने अनुभव पर बात करते हुए बलराज ने एक लीडिंग डेली से बातचीत में कहा, 'मेरे ख्याल से यह मेरे करियर का अबत क बेस्ट शो है जहां मैंने फिजिकली और इमोश्नली अपनी पूरी एनर्जी दी. मैंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक छोटा वीडियो क्लिप शेयर किया है जिसे कलर्स ने बनाया है. जहां मैंने इस बात को मेंशन किया है कि सिर्फ मुझे पता है कि मैंने इसमें कितनी एनर्जी दी है.
बलराज ने आगे कहा, 'मेरे बाएं जांघ पर मैंने थर्ड डिग्री बर्न का भी सामना किया और उस चोट के साथ मैंने फिनाले तक स्टंट किया. मुझपर मधुमक्खियों ने हमला किया जिसके बाद मुझे एम्बुलेंस में ले जाया गया. ये सारी चीजें मेरे साथ एक बाद एक होती गयी.कहीं न कहीं मुझे लगने लगा है कि क्या हुआ, मैं कहां आया हूं और मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है? लेकिन इन सबके बावजूद, मैं फिनाले तक पहुंचा और मैंने स्टंट्स परफॉर्म किये तो भावनात्मक रूप से यह मेरे लिए बहुत कठिन शो था. पहले तीन हफ्तों में मुझे सबसे कमजोर प्रतियोगियों में से एक का टैग मिला. वहां से बाहर निकलना और फिर फाइनल पहुंचना मेरे लिए इमोश्नली मायने रखता था. यह मेरे लिए बहुत खास शो है.
एलिमिनेट होने के बाद वाइल्डकार्ड कंटेस्टेंट्स की तरह शो में आने पर बलराज ने कहा, 'मेरे ख्याल से वह मेरे लिए वेक अप कॉल था क्यूंकि सिर्फ एक सेकंड के अंतर की वजह से मैं एलिमिनेट हो गया था. वापस लौटने के बाद मुझे सीजन के सबसे खतरनाक स्टंट को करना था.
ऐसा नहीं लग रहा था कि मैं ऐसा कर पाऊंगा, लेकिन किसी तरह मुझे लगा कि नहीं, मुझे यह करना है. उस स्टंट को जीतने के बाद, मुझे लगा कि हां, मैं यह कर सकता हूं और मैं वापस आ गया हूं. उसके बाद मैंने अपनी पूरी कोषसिंह लगा दी क्यूंकि हर किसी को दुबारा मौका नहीं मिलता. मैं भाग्यशाली हूं कि उन्होंने मुझे वाइल्डकार्ड के रूप में लेकर आये नहीं तो मेरा सफर तीन हफ्ते में ही ख़त्म हो जाता.