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'कॉलिंग सहमत' के लेखक हरिंदर सिक्का ने कहा- 'आलिया भट्ट की 'राजी' का डायरेक्शन मेघना गुलजार से कराना मेरी सबसे बड़ी भूल थी'

मेघना गुलज़ार द्वारा डायरेक्ट की गयी आलिया भट्ट और विक्की कौशल स्टारर फिल्म 'राजी' ने बॉक्स ऑफिस पर अपनी सफलता से सभी का दिल जीता. ऐसे में कॉलिंग सहमत उपन्यास के लेखक हरिंदर सिक्का, जिस पर 2018 की फिल्म आधारित है, ने फिल्म के फाइनल आउटपुट से बिलकुल खुश नहीं हैं. हरिंदर ने फिल्म में श्रेय ना देने के लिए मेघना के खिलाफ आवाज उठाने के बाद,अब फिल्म के डायरेक्शन में की गयी सबसे बड़ी फेरबदल का खुलासा किया है. एक जाने माने अखबार को दिए इंटरव्यू में लेखक ने मेघना पर 'जानबूझकर' फेरबदल करने का आरोप लगाया है, जो उनके 'पाकिस्तानी समर्थक' रवैये को उजागर करता है.

वह कहते हैं, "पहला उनका पाकिस्तानी-समर्थक दृष्टिकोण था. बुक के मुताबिक, जब सहमतअब्दुल को मारती है, तो एक डायलॉग होता है, 'आई एम सॉरी अब्दुल, लेकिन मैं अपने देश को अधिक प्यार करता हूं.'  मेघना ने इस डायलॉग को पूरी तरह से निकाल दिया. उन्होंने इसे भारत समर्थक पाया?" जिसके बाद उन्होंने दूसरी फेरबदल के बारे में बताते हुए कहा, "सहमत रॉयल रेड कार्पेट पर भारत आई थी, तिरंगे को सलामी दी, जबकि सैन्य बैंड ने राष्ट्रगान बजाया था. मेघना ने उस सीन को हटा दिया और उसे एक उदास स्थिति में वापस ले आई, जैसे कि यह दिखाना कि एक कश्मीरी मुस्लिम महिला ने अपने वतन, भारत के लिए लड़ने में गलती की थी."

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हरिंदर ने आगे खुलासा किया कि जब उन्होंने पिछले इंटरव्यू में जब इन रायों को सामने रखने की कोशिश की, तव उन्हें सोशल मीडिया पर मारने की धमकी मिली थी. इन्होने यह भी दावा किया कि गुलज़ार ने उनसे मेघना द्वारा उनके उपन्यास को डायरेक्ट करने का अनुरोध किया था और उनके सम्मान में वह राजी हो गए थे. प्रोडक्शन हाउस को एक 'संविदात्मक दायित्व' के बारे में बताते हुए, हरिंदर ने कहा कि उन्हें डायरेक्टर और एक्टर चुनने का मौका मिला. यह याद करते हुए कि 'राजी' की शूटिंग में किस तरह मेघना ने उन्हें दरकिनार कर दिया, हरिंदर ने साझा किया, "मेघना राजी के लिए साइन होने से पहले मुझसे चीजे पूछा करती थी, लेकिन साइन होते ही उसने जल्द ही रंग बदलना शुरू कर दिया. शूटिंग खत्म होने के तुरंत बाद, प्लान फॉलो करते हुए, उसने मुझे एक बुरा व्हाट्सएप मैसेज भेजा, जिससे सभी रिश्ते खत्म गए."

आगे उन्होंने कहा, "सभी के साथ, मैं इस धारणा के तहत था कि मेघना द्वारा तलवार (2015) का डायरेक्शन किया गया है. बाद में, मुझे सूत्रों से पता चला कि उन्होंने इसे अकेले नहीं बनाया है, बल्कि यह फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज थे, जो असल में इसके पीछे एंकर थे और उन्होंने इसे गुलज़ार को 'गुरु दक्षिणा' के रूप में दिया था."

उन्होंने दावा किया कि उनके पास डायरेक्टर्स कट देखने का अधिकार था लेकिन मेघना सेना के लिए एक विशेष स्क्रीनिंग के लिए दिल्ली गईं और उन्हें आमंत्रित नहीं किया. "उन्होंने जानबूझकर मुझे न तो सूचित किया, उन्हें पता था कि मेरे रहने से फिल्म की रिलीज रुक सकती थी." उन्होंने आगे बताया, "मुझे इससे बाहर करने का उनका प्लान था. जिसके बाद मुझे सोशल मीडिया, YouTube, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर 'राजी' से संबंधित सभी शीर्षक और प्रचार से हटा दिया गया था. यह अब मेघना गुलज़ार द्वारा रज़ी थी. मुझे पता होना चाहिए था कि यह किसी ऐसे व्यक्ति की विशेषता थी जो जल्द ही पीठ में छुरा घोंप देगा."

यह दावा करते हुए कि गुलज़ार ने मेघना की सफलता को ध्यान में रखते हुए, उनकी कालिंग सहमत के पब्लिकेशन हाउस से उपन्यास के विमोचन में देरी के लिए बात की थी.

(Source: Hindustan Times)

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