हाल ही में संगीतकार ए आर रहमान ने बताया कि क्यों वह साउथ फिल्मों में ज्यादा और बॉलीवुड में कम प्रोजेक्ट्स करते हैं. रहमान ने 'दिल बेचारा' के सभी गानों को कम्पोज किया है और हाल ही में अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने बॉलीवुड में मौजूद गैंग पर बात की, जो उनके खिलाफ काम करता है. उन्होंने यह भी बताया कि फिल्म के डायरेक्टर मुकेश छाबड़ा को बहुत लोगों ने उनके पास जाने से मना किया और कहानी पर कहानी सुनाई. कल शेखर कपूर ने ए आर रहमान की पोस्ट पर अपने विचार व्यक्त करते हुए लिखा, 'तुम्हें अपनी प्रॉब्लम पता है ए आर रहमान? तुमने ऑस्कर जीत लिया. बॉलीवुड में इसे मौत को गले लगाना कहते हैं. इसका मतलब है कि तुम्हारे पास इतना टैलेंट है कि बॉलीवुड उसे संभाल नहीं सकता... '
अब साउंड डिजाइनर और एडिटर रेसूल पूकुट्टी ने खुलासा किया है कि जब उन्हें ऑस्कर मिला तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने उनके साथ कैसा बर्ताव किया था. रेसूल पूकुट्टी ने अपनी आपबीती के बारे में बताया. उन्होंने लिखा- प्रिय शेखकर कपूर, मुझसे इस बारे में पूछिए, मैं तो ब्रेकडाउन की कगार पर था मुझे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कोई काम नहीं दे रहा था और रीजनल सिनेमा ने मुझे ऑस्कर जीतने के बाद पकड़े रखा. बहुत से प्रोडक्शन हाउस हैं, जिन्होंने मुझे कहा कि उन्हें मेरी जरूरत नहीं है. लेकिन मैं फिर भी अपनी इंडस्ट्री से प्यार करता हूं.
बात को आगे बढ़ाते हुए रेसूल ने लिखा- क्योंकि इससे मुझे पता चला कि यहां मुठ्ठीभर लोग अभी भी हैं जो मुझपर विश्वास करते हैं..और आजतक करते हैं. मैं बड़े आराम से हॉलीवुड जा सकता था लेकिन मैं नहीं गया और मैं नहीं जाऊंगा...भारत में किए मेरे काम ने मुझे ऑस्कर जिताया, मैंने #MPSE के लिए 6 बार नॉमिनेट हुआ और जीता भी...वो सब उस काम के लिए था जो मैंने यहां किया.. आपको बहुत से लोग मिलेंगे जो आपको नीचे गिराना चाहते हैं. लेकिन मेरे पास मेरे लोग हैं, जिनपर मैं भरोसा करता हूं और बहुत समय बाद मैंने अपने अकैडमी के दोस्तों और सदस्यों से इस बारे में बात की और उन्होंने मुझे ऑस्कर के श्राप के बारे में बताया. ये सभी के साथ होता है. मुझे उस फेज से गुजरने में मजा आया, जब आप दुनिया में अपने आप को सबसे आगे महसूस करते हो और फिर जब आपको पता चलता है कि लोग आपको रिजेक्ट कर देंगे, यही आपके लिए सबसे बड़ा रियलिटी चेक होता है.'
बात को खत्म करते हुए रेसूल पूकुट्टी ने लिखा- मेरी टाइमलाइन पर मेरे ट्वीट नहीं दिख रहे हैं तो मैं उन्हें यहां पोस्ट कर रहा हूं, ताकि उन्हें कोई गलत ना समझ ले. ऑस्कर का श्राप खत्म हो चुका है, हम आगे बढ़ चुके हैं. नेपोटिज्म की बहस जिस दिशा में जा रही है, ये बात भी मुझे पसंद नहीं आ रही है. शांति रखें. मैं किसी पर मुझे संरक्षण ना देने के लिए इल्जाम नहीं लगा रहा हूं.