बहुत बार देखा गया है कि फिल्म इंडस्ट्री में आखिरी समय में एक्ट्रेसेस को रिप्लेस कर दिया जाता है और उनकी जगह किसी और अभिनेत्री को फिल्म में कास्ट कर लिया जाता है. दिव्या दत्ता ने भी कई फिल्मों से निकाले जाने पर बात की. कई बार उन्हें इस बात का बुरा भी लगा लेकिन फिर उन्होंने इससे डील करना सीखा.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के साथ इंटरव्यू में दिव्या ने कहा, 'यह एक बहुतबड़े नुकसान की तरह महसूस होता था. फिल्म के लिए आना, रिजेक्ट होना और फ़ोन पर सुनना कि किसी और को फिल्म में ले लिया गया हो. बहुत बार मुझे आखिरी समय में फिल्म से बाहर निकाला गया है. बहुत तकलीफ होती है क्यूंकि आप बहुत बार हेल्पलेस महसूस करते हो. आप जानते हैं कि आप उस रोल को कितने अच्छे से निभा सकते थे.
दिव्या का कहना है कि उनकी मां ने रिजेक्शन स्वीकार करने में उनकी मदद की. उन्होंने कहा, 'मेरी मां पूछती थी तुम उदास क्यों हो ? तब मैं कहती थी कि मां मुझे फिल्म से निकाल दिया गया है. क्यों ? मुझे पता नहीं. तो वो कहती थी कि क्या यह तुम्हारी जिंदगी रोक दे रही है. जिंदगी कभी नहीं रूकती और कल दूसरा दिन होगा. यह बहुत अजीब बात है कि जिन लोगों ने मुझे फिल्म से निकाला था कुछ साल बाद मैंने उन्ही के साथ अच्छे रोल्स के साथ कमा किया.
हालांकि रिजेक्शन किसी के मनोबल पर असर डालती है. दिव्या का कहना है कि मिली ओपोर्चुनिटीज में से उसे बेहतर बनाना इम्पोर्टेन्ट था. 'यह आपका जीवन है और इसलिए आपको वह चीज बनानी होगी जो आपके रास्ते में आये और कोई दूसरा रास्ता न हो'- दिव्या ने कहा.