श्रुति हासन जो हमेशा अपनी बात बेबाकी से रखती हैं. उन्होने हाल ही में एक लीडिंग बेवसाइट से बातचीत में अपनी प्लास्टिक सर्जरी और इंडस्ट्री के ब्यूटी स्टैंडर्ड पर खुलकर अपना पक्ष रखा. उन्होने ये माना कि एक वक्त पर उन्होने इंडस्ट्री के सामने सरेंडर कर दिया था लेकिन कॉस्मेटिक सर्जरी कराना उनका खुद का निर्णय था. श्रुति ने माना कि इंडस्ट्री के तय स्टैंडर्ड के हिसाब से आकर्षक दिखने का प्रेशर है भी और नहीं भी. एक वक्त था जब वो इस दबाव को महसूस करती थीं. लेकिन जहां तक बात उनकी नाक की सर्जरी की है तो वो उनका पर्सनल फैसला था. उन्होने बताया कि, 'पहली ही फिल्म में उनकी नाक टूट गई थी और उन्हें बहुत बुरा लगता था जैसी वो दिखती थी. लेकिन कभी भी किसी ने इस बारे में उनपर दबाव नहीं डाला. हालांकि जब मेरे फीचर्स की बात होती तो लोग कहते कि श्रुति का चेहरा काफी वेस्टर्न है, बहुत शार्प है और काफी मर्दाना लुक है मेरा. मैं इन बातों को सुनती और कभी ज्यादा ध्यान नहीं दिया.'
श्रुति ने इस इंटरव्यू में बताया कि वो प्लास्टिक सर्जरी को किसी भी तरह से प्रमोट नहीं करना चाहतीं लेकिन जो एक्ट्रेसेस ये कहती हैं कि उन्होने कॉस्मेटिक सर्जरी का सहारा नहीं लिया बेहतर दिखने के लिए वो सरासर झूठ बोलती हैं क्योंकि रातों रात किसी का चेहरा इतना नहीं बदल जाता बगैर सर्जरी के. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मैं इस बात का समर्थन करती हूं कि प्लास्टिक सर्जरी करानी चाहिए , ये सभी की निजी इच्छा पर निर्भर है. ठीक वैसे ही जैसे बालों को कलर कराना या नीले रंग के कॉन्टैक्ट लेंस पहनना. जरुरी नहीं कि आप पर सब सही ही जाए.आपको वही करना चाहिए जो आपना मन कह रहा है करने को.अगर 40 की उम्र में किसी महिला का मन बोटोक्स कराने का हो ताकि वो बेहतर दिख सके तो ये उसका अपना फैसला है.
आपको बता दें कि पहले भी श्रुति ने बॉ़डी शेमिंग पर जबरदस्त संदेश दिया था.उनका मानना है कि चूंकि उन्हें नहीं फर्क पड़ता इसलिए उन्हें खुलकर बोलना चाहिए इसके बारे में. प्लास्टिक सर्जरी को लेकर इसी साल फरवरी में उन्होने लंबा चौड़ा इंस्टाग्राम पोस्ट भी लिखा. आपको बता दें कि श्रुति तिगमांशु धूलिया की फिल्म यारा में दिखाई देंगी जो 30 जुलाई से जी-5 पर स्ट्रीम होगी.
(Source: Hindustan Times)