सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद इंडस्ट्री में नेपोटिज्म और इंसाइडर-आउटसाइडर जैसे मुद्दों पर बहस तेज हो गई है. इसी बीच लेखक हरिंदर सिक्का ने फिल्म 'राजी' की निर्देशक मेघना गुलजार पर लगाए थे. बता दे कि यह फिल्म उनकी लोकप्रिय किताब 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित है और साथ ही उन्होंने मेघना पर उनका क्रेडिट छीनने का भी आरोप लगाता था. वहीं लेखक हरिंदर सिक्का ये भी आरोप लगाया कि मेघना की तलवार (2015) के पीछे विशाल भारद्वाज थे और उन्होंने अपने दम पर फिल्म का निर्देशन नहीं किया था. वहीं हरिंदर सिक्का के आरोपों के बाद विशाल भारद्वाज ने मेघना गुलज़ार का सपोर्ट किया है, साथ ही कड़े शब्दों में स्पष्ट किया कि तलवार मेघना की क्रिएशन थी.
दो ट्वीट करते हुए विशाल भारद्वाज ने कहा कि, 'यह थ्रिलर फिल्म पूरी तरह से मेघना की थी और मैं तो बस फिल्म के मुहूर्त पर ही सेट पर गया था. मैं केवल नारियल तोड़ने के लिए मुहूर्त पर एक बार तलवार के सेट पर गया था और गुलाब जामुन लिया. तलवार को मेघना द्वारा निर्देशित किया गया था और यह उनकी ही रचना थी. जो कोई भी ये कहता है कि वो फिल्म अकेले उनकी नहीं थी तो मैं इसका खंडन करता है, वह गलत है.' विशाल ने ओक और ट्वीट किया और मेघना की महान कंटेंट से प्रेरित फिल्मों को निर्देशित करने की क्षमता की सराहना की और कहा, "उन्होंने खूबसूरत से राज़ी और बहादुरी से छपाक के साथ अपनी क्रिएटिवी साबित की है.'
I only went on the sets of Talvar once, on the muhurat to break the coconut and have gulab jamun . Talvar was directed by @meghnagulzar and it was out and out her creation. Anyone who refutes this is misinformed.@JungleePictures #PritiShahani @PritiShahani
— Vishal Bhardwaj (@VishalBhardwaj) July 29, 2020
She has proved her creative prowess again with the beautiful Raazi and the brave Chhapaak.
— Vishal Bhardwaj (@VishalBhardwaj) July 29, 2020
बता दें कि, हरिंदर ने अपने बयान में कहा था कि, 'मैं इस धारणा के तहत था कि मेघना द्वारा तलवार का निर्देशन किया गया था, बाद में, मुझे सूत्रों से पता चला कि वह पूरी तरह से उनकी फिल्म नहीं थी. यह फिल्म के निर्माता विशाल भारद्वाज थे, जो वास्तव में थे.' वहीं बता दें कि, मेघना गुलजार के निर्देशन में बनी फिल्म 'राजी' 2018 में रिलीज हुई थी. यह 2008 में हरिंदर सिक्का द्वारा लिखी जासूसी थ्रिलर नॉवल 'कॉलिंग सहमत' पर आधारित थी. यह किताब एक सच्ची घटना से प्रेरित थी. इसमें एक युवा कश्मीरी लड़की अपने पिता के कहने पर पाकिस्तान के एक सैन्य अधिकारियों के परिवार में शादी करती है और भारत की आंख, कान बनकर वहां रहने लगती है.
(Source: Twitter)