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60 years of Mughal-E-Azam: फिल्म के डायरेक्टर के. आसिफ के बेटे की कोशिशें लाई रंग, ऑस्कर लाइब्रेरी की शोभा बढ़ाएगी आइकॉनिक फिल्म की कहानी

हिंदी सिने इतिहास की गौरवशाली फिल्‍म मुगल-ए-आजम की रिलीज को 5 अगस्त)को 60 साल पूरे हो गए. 9 साल में बनकर तैयार हुई फिल्म - फिल्म की शूटिंग 500 दिनों तक चली थी. उस दौर में मुगल-ए-आजम सबसे ज्यादा स्क्रीन्स पर रिलीज होने वाली फिल्म थी. इसने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के रिकॉर्ड तोड़े थे. ये 15 सालों तक भारत की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म रही थी. 2004 में फिल्‍म 12 नवंबर को कलर और सिक्‍स ट्रैक डॉल्‍बी डिजिटल साउंड से री-रिलीज की गईं. आगे वो 19 फरवरी 2005 तक भारत के 14 सिनेमाघरों में 25 हफ्तों चलती रही. वहीं भारतीय सिनेमा की मशहूर कृति ‘मुगले आजम’ का स्क्रीनप्ले हॉलीवुड में ऑस्कर की लाइब्रेरी को सौप दिया गया. फिल्म के निर्देशक के आसिफ के बेटे अकबर आसिफ ने फिल्म के स्क्रीनप्ले को ऑस्कर लाइब्रेरी को सौंप दिया था. अकबर लंदन में रहते और कारोबार करते हैं. अकबर ने कहा कि उन्होंने पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला के अभिनय से सजी इस ऐतिहासिक फिल्म की वर्षगांठ के मौके पर एकेडमी अवार्ड्स को स्क्रीनप्ले दिया था.

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आसिफ ने कहा, ‘मुगले आजम की यात्रा हिंदी सिनेमा की अब तक की सबसे शानदार लेखक टीम के शब्दों से शुरू हुई थी और मैंने सोचा कि उन्हें सम्मान देने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनके स्क्रीनप्ले को दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित फिल्म लाइब्रेरी में स्थायी रूप से सुरक्षित रखा जाए. मुझे उम्मीद है कि भावी पीढ़ियां मेरे दिवंगत पिता और उनकी लेखकों की शानदार टीम के कामकाज से सीख सकती हैं और प्रेरणा ले सकती हैं.'


ऑस्कर की ऐतिहासिक मारग्रेट हैरिक लाइब्रेरी में स्क्रीनप्ले के तीन संस्करण उपलब्ध हैं जिनमें हिंदी (देवनागरी और रोमन में) तथा अंग्रेजी अनुवाद हैं. ‘मुगले आजम’ पांच अगस्त, 1960 को भारत के सिनेमाघरों में प्रदर्शित हुई थी. उसका स्क्रीनप्ले तैयार करने वाली टीम में अमान, कमाल अमरोही, वजाहत मिर्जा, एहसान रिजवी और निर्देशक के आसिफ शामिल थे.

(Source: PTI)

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