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International Day Of Democracy: तापसी पन्नू ने 'संवाद' के जरिए जाहिर किए अपने विचार, 'जनतंत्र में जब भी सवाल उठाये, वो राष्ट्रीय विरोधी क्यों कहलाए'

15 सितंबर को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस मनाया जाता है. लोकतंत्र का मतलब है जनता की मर्जी से जनता के लिए चुनी गई सरकार. मतलब यहां न कोई राजा है और न ही कोई तानाशाह, यहां सरकार जनता चुनती है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2007 में 15 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस घोषित किया था. लोकतंत्र के सिद्धांतों को बढ़ावा देने और बनाए रखने के उद्देश्य से हर साल 15 सितंबर को ये दिवस मनाया जाता है, वहीं अपनी अलग तरह की फिल्मों के साथ साथ बेबाक बयान के लिए भी जानी जाने वाली एक्ट्रेस तापसी पन्नू ने अपनी नई कविता 'संवाद' के जरिए जनतंत्र पर अपने विचार जाहिर करते हुए कई सवाल पूछे हैं. तापसी ने अपनी ये कविता हिंदी और पंजाबी में बोली है. 

जारी वीडियो में तापसी कह रही हैं कि, 'रखी है हमने एक नए भारत की बुनियाद, होंगे सफल अगर हो संवाद, विज्ञान की खोड में निकले थे हम...अंधविश्वासियों में डूबे, इसका है गम. नये भारत में होंगे ना बेरोजगार, फिर चुनाव जाते ही क्यों बदले सब यार ? संविधान कहे की हम सब एक है, फिर धर्म जात में क्यों बटें हैं ? भूखा ना सोएगा कोई, सबका होगा घर, नेक है ख्याल, अगर मिटे मन का डर. जनतंत्र में जब भी सवाल उठाये, वो राष्ट्रीय विरोधी क्यों कहलाए ? वासुदेव कुटुम्ब ये दुनिया को सिखलाया, फिर हमने ही क्यों ना निभाया ? हम हैं देश मर्यादा पुरूोष्त्तम, फिर क्यों तोड़ देते है ये वादा हम ? चलो नए भारत को बनाए महान, ना डर, ना जुमले बस इंसानियत की पहचान. रखे हम एक ऐसी बुनियाद, हो सफल, अगर करें सबसे संवाद'

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बता दें कि, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2007 में अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुरुआत की थी. विश्व में लोकतंत्र को बढ़ावा देने और उसे मजबूत करने के उद्देश्य से इसका प्रस्ताव पारित किया गया था. पहली बार अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस साल 2008 में मनाया गया. 
(Source: Twitter/Instagram)

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