कंगना रनौत कृषि मामले के कानूनी पचड़े में फंसती दिखाई दे रही हैं. कर्नाटक राज्य के तुमकुरु जिले की एक अदालत ने शुक्रवार को आदेश दिया कि कृषि कानून का विरोध करने वाले किसानों को कथित रूप से निशाना बनाकर किये गए ट्वीट के लिये अभिनेत्री कंगना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए.
प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने वकील रमेश नाइक द्वारा दाखिल शिकायत के आधार पर क्याथासंदरा थाने के निरीक्षक को रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने सीआरपीसी (CRPC) की धारा 156(3) के तहत शिकायत दाखिल की है. क्याथासंदरा के निवासी नाइक ने कहा कि उनकी ओर से दी गई आपराधिक शिकायत पर अदालत ने इलाके के थाने को अभिनेत्री के खिलाफ मामला दर्ज करने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया है.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कृषि विधेयकों के संबंध में एक ट्वीट किया. जिसे रीट्वीट करते हुए 21 सितंबर को कंगना ने लिखा, 'प्रधानमंत्री जी, कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे ग़लतफ़हमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने का अभिनय करे, ना समझने का अभिनय करे उसे आपके समझाने से क्या फ़र्क़ पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं. सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) से एक भी इंसान की नागरिकता नहीं गयी मगर इन्होंने ख़ून की नदियां बहा दीं.'
जैसे श्री कृष्ण की नारायणी सेना थी, वैसे ही पप्पु की भी अपनी एक चंपू सेना है जो की सिर्फ़ अफ़वाहों के दम पे लड़ना जानती है, यह है मेरा अरिजिनल ट्वीट अगर कोई यह सिद्ध करदे की मैंने किसानों को आतंकी कहा, मैं माफ़ी माँगकर हमेशा केलिए ट्वीटर छोड़ दूँगी https://t.co/26LwVH1QD9
— Kangana Ranaut (@KanganaTeam) September 21, 2020
उन्होंने आगे लिखा कि जैसे श्री कृष्ण की नारायणी सेना थी, वैसे ही पप्पु की भी अपनी एक चंपू सेना है जो की सिर्फ अफवाहों के दम पे लड़ना जानती है, यह है मेरा अरिजिनल ट्वीट अगर कोई यह सिद्ध करदे की मैंने किसानों को आतंकी कहा, मैं माफी मांगकर हमेशा केलिए ट्विटर छोड़ दूंगी.
(Source: Twitter)