फिल्म मेकर अनुराग बसु की हाल ही में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई फिल्म ‘लूडो’ को काफी सराहा जा रहा हैं. इस फिल्म में अभिनेता आदित्य रॉय कपूर को बोलती कठपुतली की कला से स्टैंड अप कॉमेडी का मंचन करते हुए दिखाया गया हैं. और इसमें जो कठपुतली हैं, वह हूबहूं आदित्य की तरह हैं. यह कमाल कर दिखाया हैं, भारत के सुप्रसिद्ध वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये और उनके प्रतिभाशाली बेटे सत्यजीत पाध्ये ने. उन्होंने 3 डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके हूबहूं आदित्य रॉय कपूर की तरह दिखने वाली कठपुतली डिज़ाइन की हैं. इस तरह अपनी खुद की कठपुतली रहें आदित्य पहले बॉलीवुड अभिनेता है.
इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये कहतें हैं, 'अनुराग बसु जानते थें, की हम हूबहूं कठपुतलीयाँ बना सकतें हैं. उन्हें संदर्भ के लिए कुछ हमनें बनाई कठपुतलियाँ दिखायीं. और उनपर हमनें जिस बारीकी से काम किया था, वह अनुराग को पसंद आया.' जानेमाने वेंट्रिलोक्विस्ट रामदास पाध्ये पिछले 53 वर्षों से इस क्षेत्र में हैं. उन्हें बोलती कठपुतलीयों में विशेषज्ञता हासिल हैं. उनके संग्रह में लगभग 2200 कठपुतलियाँ हैं. उनके बेटे सत्यजित पाध्ये भी वेंट्रिलोक्विस्ट हैं. वह इंडियाज गॉट टैलेंट, ‘केबीसी’, ‘बिग बॉस’ जैसे कई लोकप्रिय शो में देखें गयें हैं.
सत्यजीत बताते हैं, 'आदित्य की 3डी कठपुतली बनाते वक्त पहले हमने उनका 3 डी स्कैन किया. जिसके बाद आदित्य की 3 डी छवियों को कैप्चर किया और फिर छवियों को संसाधित करके एक कठपुतली बनाई. आदित्य की कठपुतली बनाते वक्त उनकी हेयरस्टाइल और उनकी नाक उनकी विशेषताएं थीं. जिस पर ज्यादा तव्वज्जो दी गयी.'
कठपुतली बनाने के बाद अब असली चुनौतीपूर्ण पायदान था. क्योंकि उन्हें कठपुतली के मुंह, भौंहों और पलकों को हिलाना पड़ता था. जहां अनुभवी रामदास पाध्ये की विशेषज्ञता काम आयीं.
आदित्य को उनके रोल के लिए दी ट्रेनिंग के बारे में सत्यजित बताते हैं. 'आदित्य के साथ काम करना यादगार था। आदित्य ने कला सीखने में काफी दिलचस्पी दिखाई. मैं उनके घर जाता था और उनके साथ काम करना काफी मजेदार रहां. वेंट्रिलोक्विस्ट बनने की तकनीक आदित्य बहुत जल्द सीख गयें. और मैं भी शूटिंग के दौरान उनकी सहायता करने के लिए मौजूद था, लेकिन मुझे कहते हुए बेहद अच्छा लग रहा हैं, की, उन्होंने अपना किरदार बेहद संजीदगीं से निभाया हैं.'
आदित्य रॉय कपूर ने सत्यजीत को फिल्म के बाद मैसेज करतें हुए कहां हैं, की, 'इस फिल्म के मेरे किरदार की तैयारी में आपकी मदद के लिए धन्यवाद।आपसे यह सुंदर कला सीखना वास्तव में अद्भुत अनुभव था. आशा है कि, आपके पिताजी (रामदास पाध्ये जी) को मेरा परफॉर्मन्स पसंद आयेगा.'