प्रियंका चोपड़ा हर दिन अपनी सफलता को एन्जॉय कर रही हैं. एक तरफ जहां नेटफ्लिक्स पर उनकी वेब शो 'द व्हाइट टाइगर' को दर्शकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है, वहीं दूसरी तरफ वह अपनी किताब मेमॉयर अनफिनिश्ड के लॉन्च की तरफ आगे बढ़ रही है. एक मैगज़ीन के साथ इंटरव्यू में प्रियंका ने अपने रंग को लेकर अतीत में आयी परेशानियों पर बात की. इंटरव्यू के दौरान प्रियंका ने बॉलीवुड में काम करने के दौरान फेयरनेस प्रोडक्ट्स को एंडोर्स करने पर पछतावा होने के बारे में बताया. उस चीज को याद करते हुए प्रियंका ने बताया कि किस तरह इंडोर्समेंट में उनके पार्टिसिपेशन की वजह से उन्हें खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. प्रियंका ने इस बात पर रोशनी डाली कि त्वचा के रंगरोगन रंगवाद और नस्लवाद को कैसे बढ़ावा देते हैं.
स्किन लाइटनिंग को भयानक बताते हए प्रियंका ने यह खुलासा किया कि वो टैल्कम-पाउडर क्रीम का इस्तेमाल करती थी, उनका माना था कि डार्क स्कीन सुंदर नहीं होती. उन्होंने बताया, 'स्किन लाइटनिंग साउथ एशिया में बहुत नॉर्मल था. यह इतनी बड़ी इंडस्ट्री है कि सब करते थे. यह बहुत भयानक है और यह मेरे लिए भी भयानक था. एक छोटी लड़की के लिए जो मेरे चेहरे पर टैल्कम-पाउडर क्रीम लगाती थी क्योंकि मुझे लगता था कि डार्क स्किन अच्छी नहीं होती.
अतीत में प्रियंका अपने फैमिली मेंबर्स द्वारा 'काली' कहे जाने पर बात कर चुकी है. उन्होंने कहा, 'मेरे सारे भाई- बहन गोरा चिट्टा है. में सांवले रंग की थी क्यूंकि मेरे पापा सांवले थे. मजे के लिए मेरी पंजाबी फैमिली मुझे काली काली काली कहती थी. 13 साल की उम्र में फेयरनेस क्रीम लगाती थी और अपने कलर को बदलना चाहती है.
(Source: Marie Claire)