सोशल मीडिया पर यूट्यूबर कैरी मिनाटी और स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ऐसे स्टार है, जो पिछले कुछ समय से अपने बयान और वीडियोज को लेकर लगातार चर्चा में है.
अवमानना मामले में कॉमेडियन कुणाल कामरा ने माफ़ी मांगने से इंकार किया.
पिछले साल 18 दिसंबर को कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रक्षिता तनेजा के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कंटेम्प्ट नोटिस जारी किया था. इनपर आरोप था कि इन्होंने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. अब अवमानना मामले में स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा पेश कर कहा कि उन्होंने जो ट्वीट किया था, वह सुप्रीम कोर्ट के प्रति आम जनता के भरोसा को कम करने की मंशा से नहीं किया था. कामरा ने कहा कि अगर उन्होंने सीमा लांघी है तो उनका इंटरनेट बंद कर दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामा में कामरा ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि उसने सीमा लांघी है और उसके इंटरनेट अनंत काल तक के लिए बंद करना चाहती है तो ऐसी स्थिति में वह कश्मीरी दोस्तों की तरह हर साल 15 अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं का पोस्ट कार्ड लिखा करेंगे.
कामरा ने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी तंत्र के लिए ये सोचना कि वह आलोचना से ऊपर है, ठीक उसी तरह है जैसे बिना किसा योजना के लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को घर जाने का उपाय तलाश करने जैसा है. सुप्रीम कोर्ट में कुणाल कामरा ने अपने जवाब में कहा कि उनके किसी भी आलोचना वाले ट्वीट से सुप्रीम कोर्ट की नींव हिल जाएगी, ऐसा कहना उनकी योग्यता को ज्यादा करके आंकने जैसा होगा.
कामरा ने कहा कि जूडिशिरी के प्रति लोगों का जो सम्मान है, वह उसके खुद के काम के वजह से है. लोगों की आलोचना से पब्लिक का भरोसा खत्म नहीं होता है. अपने हलफनामा में कामरा ने कहा कि जनता का विश्वास संस्थान में उसके काम की वजह से होता है. मेरी ऐसी क्षमता नहीं है कि दुनिया की सबसे मजबूत संस्थान सुप्रीम कोर्ट की बुनियाद मेरे आलोचना से हिल जाए.
कामरा ने आगे कहा, ' लोगों के भरोसे का अदालत सम्मान करती है और ऐसे में उसे इस बात का विश्वास करना चाहिए कि टि्वटर के कुछ मजाकिये जोक्स के बेसिस पर कोई राय न बनाएं. उन्होंने कहा कि व्यंग्य हास्य की प्रस्तुति है. हास्य कलाकार अपने अलग अंदाज से लोकहित के मामले से जुड़े सवाल उठाता है. यदि शक्तिशाली व्यक्ति और संस्थान आलोचना सहने की अपनी योग्यता नहीं दिखाएंगे तो फिर ऐसे देश में हम होंगे जहां कालाकार को रोका जाएगा और दूसरों की कठपुतली बने लोगों को तरजीह मिलेगी. '
स्टैंडअप कमीडियन ने कहा कि कई फैसलों से असहमत हो सकता हूं, लेकिन मैं मुस्कुराते हुए स्वागत करूंगा. इस देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और नाराज होना मौलिक अधिकार माना जा रहा है. मैं जिस भाषा और शैली में बोलता लिखता हूं, उसकी मंशा अपमान करना नहीं है. लोकतंत्र में जो प्रासंगिक है, उसे उठाता हूं. मैं जिस शैली का इस्तेमाल करता हूं या जो भाषा लिखता हूं, उसकी मंशा किसी का अपमान करना कतई नहीं है बल्कि लोकतंत्र में जो भी औचित्यपूर्ण है, उसे उठाता हूं.
कामरा ने कहा कि लोगों की आलोचना भर से न्यायपालिका पर भरोसा खत्म नहीं हो जाता है. हलफनामा में कामरा ने माफी नहीं मांगी.
करीना कपूर खान के चैट शो में कैरी मिनाटी ने रोस्टिंग वीडियोज पर खुलकर बात की.
सोशल मीडिया पर देश के पॉपुलर यूट्यूबर्स में से एक कैरी मिनाटी की फैन फोलोइंग मिलियन्स में है. बहुत जल्द वो अमिताभ बच्चन और अजय देवगन के साथ फिल्म मेडे में दिखाई देंगे. हाल ही में उन्होंने करीना कपूर खान के चैट शो ‘व्हाट वुमेन वॉन्ट’ में अपनी जर्नी और रोस्टिंग वीडियोज़ के बारे में खुलकर बात की.
कैरीमिनाटी ने बताया कि, ‘हर आम इंसान की तरह मेरा भी छोटा सा यू-ट्यूब चैनल था. जिससे सब्सक्राइब करन के लिए मैं दोस्तों से रिक्वेस्ट किया करता था. मैं सोचता था अगर मेरे 50 हज़ार भी सब्सक्राइबर हो गए तो बहुत हैं और 1 लाख से ज्यादा तो मुझे जाना ही नहीं है. करीना ने पूछा आप अक्सर अपने वीडियो में लोगों का अपमान कर रहे होते हो तो उन लोगों को क्या कहना चाहोगे तो जो ऑनलाइन बुली करने वाला कहते हैं.
करीना के सवाल पर कैरीमिनाटी ने जवाब दिया, ‘मैं जब भी किसी को रोस्ट करता हूं, तो हम हमेशा पहले उस शख्स की इजाज़त लेते हैं. और अगर वो शख्स मुझे जानता है तो ये भी जानता होगा कि हम कैसा वीडियो बनाते हैं. जब तक हमें इजाज़त नहीं मिलती तब तक हम वीडियो नहीं बनाते. रही दूसरी बात जितना मैंने देखा है कि रोस्टिंग पर पॉजिटिव रिएक्शन ही आते हैं. यानी अगर हम उस बंदे को ट्रोल भी कर रहे हैं ना तो भी वो फेमस ही होता है। मुझे नहीं लगता कि इसका कोई बुरा असर होता है’.