संजय दत्त की बेटी त्रिशाला दत्त हिंदी फिल्म इंडस्ट्री और यहां की चका चौंध से पूरी तरह दूर है. वह विदेश में सेटल और बॉलीवुड में आने का उनका कोई इरादा नहीं है. हाल ही में उन्होंने अपनी निजी जिंदगी को लेकर बात की है. उन्होंने कहा है कि उन्हें अपनी जिंदगी के दर्दनाक अनुभवों से एक नजरिया मिला है, जिसने उन्हें एक बेहतर इंसान बनाने में मदद की है. इस बात को त्रिशाला दत्त ने सोशल मीडिया पर कहा है.
दरअसल, उनके एक फैन ने उनसे इंस्टाग्राम की स्टोरी पर सवाल करते हुए पूछा कि वह अपनी जिदंगी सबसे ज्यादा किस चीज को अहमियत देती हैं.फैन के इस सवाल का त्रिशाला दत्त ने लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर जवाब दिया है. उन्होंने खुलासा किया कि वह अपने दर्दनाक अनुभवों को अपनी जिदंगी में सबसे ज्यादा महत्व देती है. त्रिशाला दत्त ने अपने पोस्ट में लिखा, 'हर किसी को उम्मीद है कि वह दुर्घटना, बीमारी, नुकसान या हिंसा से अपनी जिदंगी खराब होने से बचाएंगे. दुर्भाग्य से हममें से कुछ लोग बिना सोचे-समझे ऐसी जिंदगी जी पाते हैं. सकारात्मक अवसर के लिए ट्रॉमा भी एक शक्तिशाली चीज हो सकता है. ट्रॉमा के बाद इंसान परिवर्तनकारी और शक्तिशाली हो सकता है'.
त्रिशाला ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा 'व्यक्तिगत तौर पर ट्रॉमा ने मुझे एक ऐसे रास्ते पर भेजा जो मैं कभी नहीं पा सकती थी. बहुत बार इंसान की जिंदगी ट्रॉमा के इलाज के साथ शुरू होती है. सही माहौल और मानसिकता को देखते हुए फिर से मेरे लिए ट्रॉमा, दर्द और संघर्ष का मतलब बदल सकता है, जो जिंदगी के असली मतलब को समझाए और एक बेहतर इंसान बनाए'.