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सलमान खान ने 'काला हिरण शिकार' मामले में फर्जी हलफनामा देने के लिए माफी मांगी

बॉलीवुड स्टार सलमान खान ने 1998 में जोधपुर में दो काले हिरण के शिकार से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान 2003 में जोधपुर सेशन कोर्ट में झूठा हलफनामा जमा करने के लिए से माफी मांगी. मंगलवार को हुई सुनवाई में सलमान के वकील ने कोर्ट से विनती करते हुए कहा कि एक्टर ने 8 अगस्त 2003 को जो गलती से एफिडेविट दिया था उसके लिए उन्हें माफ कर दिया जाए. कोर्ट इस मामले में 11 फरवरी यानी आज फैसला सुनाने वाला है.
 

काला हिरण शिकार मामले में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपनी अपील की सुनवाई के लिए सलमान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जोधपुर सेशन कोर्ट में पेश हुए. उनके वकील हस्तीमल सारस्वत ने कोर्ट को बताया कि 8 अगस्त 2003 को गलती से हलफनामा कोर्ट में पेश कर दिया गया, जिसके लिए अभिनेता को माफ कर दिया जाए.
इस केस में सुनवाई का सिलसिला पिछले दो दशकों से जारी है, वहीं अब ये मामला अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है. सलमान खान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने कहा है कि 8 अगस्त 2003 में गलती से कोर्ट को फर्जी एफिडेविट जमा कराए दिए गए थे. उनका कहना है कि 'सलमान व्यस्त होने की वजह से भूल गए थे कि उनका लाइसेंस रिन्यू होने के लिए गया है और उन्होंने कोर्ट में कहा था कि उनका लाइसेंस मिल नहीं रहा है.'

इसके साथ ही सलमान के वकील ने अपील की है कि 'इसके लिए सलमान खान को माफ कर दिया जाना चाहिए'. सलमान खान पर आरोप है कि उन्होंने फिल्म 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग के दौरान एक गांव में काले हिरणों का शिकार किया था। जिसकी वजह से आर्म एक्ट के तहत उन पर केस दर्ज हुआ था और कोर्ट ने उन्हें अपने हथियार का लाइसेंस जमा करने के लिए कहा था.

सलमान ने 2003 में कोर्ट में हलफनामा देते हुए कहा था कि उनका लाइसेंस गुम हो गया है. उन्होंने इस सिलसिले में मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज कराई थी. हालांकि बाद में कोर्ट को पता चला कि सलमान का आर्म लाइसेंस खत्म नहीं हुआ है, बल्कि नवीनीकरण के लिए पेश किया गया है. इसके बाद लोक अभियोजक भवानी सिंह भाटी ने मांग की थी कि अभिनेता के खिलाफ अदालत को गुमराह करने का मामला दायर किया जाना चाहिए.
 

सलमान खान को 1998 में जोधपुर के करीब एक गांव में दो काले हिरणों के अवैध शिकार के चलते अरेस्ट कर लिया गया था. उस समय आर्म एक्ट के तहत उन पर केस दर्ज हुआ था और कोर्ट ने उन्हें अपने हथियार का लाइसेंस जमा करने के लिए कहा था. तब सलमान ने 2003 में एक एफिडेविट जमा किया था, जिसमें उन्होंने बताया था कि उनका लाइसेंस खो गया था. उन्होंने इसके संबंध में एक एफआईआर बांद्रा पुलिस स्टेशन में भी दर्ज करायी थी. हालांकि, बाद में कोर्ट को यह पता चला कि सलमान खान का आर्म लाइसेंस खोया नहीं था, बल्कि रिन्यू होने के लिए गया था.

तब पब्लिक प्रोस्क्यूटर भवानी सिंह भाटी ने मांग की थी कि कोर्ट को गुमराह करने के लिए एक्टर पर केस दर्ज होना चाहिए. साल 2018 में ट्रायल कोर्ट ने 1998 में फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान सलमान खान को दो काले हिरणों के अवैध शिकार के मामले में 5 साल कैद की सजा सुनाई थी.

एक्टर ने ट्रायल कोर्ट के इस फैसले को सेशन कोर्ट में चुनौती दी थी. घटना के समय सलमान खान के साथ एक्टर सैफ अली खान, तब्बू , नीलम और सोनाली बेंद्रे मौजूद थे. कोर्ट ने तब बाकी एक्टरों को इस मामले से मुक्त कर दिया था.
 

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