एक्ट्रेस जरीन खान, जिन्होंने सलमान खान की फिल्म 'वीर' (2010) से अपना डेब्यू किया था, वह अपने लुक की वजह से किसी कारण इंडस्ट्री में अपनी जगह नहीं बना पाई. ऐसे में एक्ट्रेस का कहना है कि वह अपने खूबसूरत चेहरे से अधिक' हैं, और उन्हें कभी कैटरीना कैफ की लुकअलाइक से बाहर निकलने का मौका नहीं दिया गया.
जरीन खान ने कहा कि, 'एक्टर बनने का मेरा कोई प्लान नहीं था. मैंने कभी खुद को इस पिक्चर में देखा ही नहीं था. मेरा असल में स्ट्रगल इंडस्ट्री में कदम रखने के बाद शुरू हुआ. मेरे रास्ते में बहुत क्रिटिसिज्म आया. मुझे कुछ चुनिंदा रोल्स पाने में बहुत संघर्ष करना पड़ा. लंबे वक्त तक काम भी नहीं मिला. जो कुछ मेरे लिए लिखा जाता, उसे केवल नेगेटिव कॉमेंट्स ही मिलते. मेरे लिए इससे बाहर आना बहुत मुश्किल हो गया था. इंडस्ट्री के लोगों में भी मेरी छवि को लेकर तय धारणा बन चुकी थी. कोई मुझे सीरियस रोल देने के लिए तैयार नहीं था, जिनके साथ मैं कुछ नया करना चाहती थी."
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इस बारे में और बताते हुए एक्ट्रेस कहती हैं, "यह एक खतरनाक सर्कल है, जिसमें कोई आपको आपके टैलेंट को दिखाने नहीं देना चाहता. आपको जज किया जाता है, एक ही तरह के रोल करने को लेकर. मैं फंस गई हूं. आज भी लोगों को कॉल, मैसेज और उनसे मिलती हूं, जिससे मुझे ऐसे रोल्स मिल सकें, जिन्हें मैं करना चाहती हूं. मैं स्क्रीन पर एक ग्लैमरस डॉल बनकर नहीं रह सकती."
वह आगे कहती हैं, "जब इंडस्ट्री में मैंने कदम रखा तो लोगों ने मुझे कैटरीना कैफ की हमशक्ल बुलाया. मैं सच में नहीं जानती कि यह बात आखिर आई कहां से. मेरी फोटोज और इंटरव्यूज के आने से पहले ही किसी ने मेरे फेसबुक अकाउंट से फोटो निकालकर कैटरीना कैफ का हमशक्ल बना दिया और मैं रातों-रात सुर्खियों में आ गई. उस समय सोशल मीडिया इतना पावरफुल नहीं था जो आज है. हम सभी न्यूजपेपर और मीडिया हाउस पर निर्भर थे. मुझे लगता है कि लोगों को मौका ही नहीं मिला मुझे जानने का, मेरे टैलेंट को पहचानने का. हमारी ऑडियंस भी अजीब है. उसे जो दिखाया जाता है, उस पर विश्वास कर लेती है. वह खुद की कोई राय नहीं बनाती है."
अपने वजन के बारे में और उसे लेकर मिले टैग के बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस कहती हैं, "मेरे लिए यह अपनाना मुश्किल है. जब मुझे फिल्म 'वीर' मिली तो मेकर्स ने मुझे वजन बढ़ाने के लिए कहा. मैं उस फिल्म में 18वीं सदी की क्वीन की भूमिका निभाने वाली थी. लोगों को यह पसंद नहीं आया. उन्होंने मुझे फैट शेम करना शुरू कर दिया. मुझे ‘फैटरीना’ के नाम से बुलाया गया. मुझे यह टैग दिया. जब भी मैं इवेंट्स में गई, अपनी बात रखी, तब भी मुझे अच्छा नहीं दिखाया गया. हर कोई मेरे वजन के बारे में बात करता था. मेरे बारे में बुरी चीजें लिखता था. मैं खुद को खो चुकी थी. मैं दिन में चार से पांच घंटे एक्सरसाइड करती थी. फिर मुझे यह सर्कल समझ आया. अहसास हुआ कि मैं चाहे जितना भी वजन कम कर लूं, खुद को कितना भी टॉर्चर कर लूं. खुद का मानसिक संतुलन रखना बहुत जरूरी है. मैं एक मजबूत महिला हूं और मुझे खुद को किसी से भी कंपेयर करने की जरूरत नहीं है."
(Source: Hindustan Times)