कुछ महीने पहले रकुल प्रीत सिंह का नाम बॉलीवुड ड्रग्स मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो द्वारा रिया चक्रवर्ती से पूछताछ के बाद खबरों में आया था. रिया ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने पूछताछ के दौरान रकुल का नाम नहीं लिया था. इस दौरान उनके खिलाफ कई तरह की खबरें चलाने के बाद रकुल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. गुरुवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा है कि उन चैनलों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है जो न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ज अथॉरिटी के मेंबर नहीं हैं.
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने चैनलों पर मंत्रालय की ओर से की गई कार्रवाई पर विचार किया साथ ही एनबीएसए की ओर से पेश दो स्टेटस रिपोर्ट देखी. मंत्रालय की ओर से केंद्र सरकार के अधिवक्ता अजय दिगपाल ने बताया कि चैनलों के खिलाफ जरूरी कार्यवाई शुरू कर दी गई है. इसके अलावा चैनलों को केबल टीवी नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट की गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया गया है.
वहीं एनबीएसए ने कोर्ट को बताया कि रकुल की शिकायत के बाद चैनलों को कई आदेश जारी किए हैं. अदालत ने निर्देश दिया कि अगर याची के पास चैनलों के लिंक हैं तो वह उचित कार्यवाई के लिए मंत्रालय को उपलब्ध करवा सकती हैं. अदालत ने मंत्रालय को कार्यवाई कर छह हफ्तों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 20 मई को होगी.
अभिनेत्री की तरफ से पेश हुए वकील अमन हिंगोरानी ने कहा कि मंत्रालय को कानून के तहत गैर एनबीएसए सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और कहा कि कुछ प्रसारित आपत्तिजनक सामग्री को कुछ मीडिया चैनलों ने हटा लिया है.
रकुलप्रीत के वकील कुछ चैनलों द्वारा उनकी खबर चलाने पर आपत्ति दर्ज करवाई. रकुल की ओर से उनके वकील का कहना है कि मीडिया ट्रायल वजह से उनकी सोशल इमेज खराब हो रही है. साथ ही परिवार और दोस्तों पर भी खराब असर पड़ रहा है. इसलिए मीडिया पर राकुलप्रीत से जुड़ी किसी भी ख़बर को दिखलाने पर रोक लगाई जाए.