केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट के अक्टूबर 2020 के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (एनडीपीएस एक्ट) के तहत उसके खिलाफ दर्ज मामलों में बॉलीवुड एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (यूनियन ऑफ इंडिया) द्वारा जमानत दे दी गई थी.
इस मामले को 18 मार्च को भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है.
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रिया चक्रवर्ती और चार अन्य, शोविक चक्रवर्ती, अब्देल बासित परिहार, सैमुअल मिरांडा और दीपेश सावंत पर आरोप है कि उन्होंने दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत द्वारा लिए गए ड्रग्स की खरीद की सुविधा प्रदान की थी. मुंबई में विशेष एनडीपीएस कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी. उच्च न्यायालय ने चक्रवर्ती, सावंत और मिरांडा को जमानत दी थी, लेकिन अब्दुल परिहार और शोविक चक्रवर्ती की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
रिया चक्रवर्ती की जमानत अर्जी को 1 लाख के पीआर बॉन्ड, अन्य शर्तों के बीच पर प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई थी.
उच्च न्यायालय ने चक्रवर्ती को जमानत पर रिहा होने के बाद 10 दिनों के लिए हर दिन निकटतम पुलिस स्टेशन में पेश होने का निर्देश दिया था. रिया की जमानत शर्त के रूप में देश छोड़ने पर भी रोक लगा दी गई है.
(Source: barandbench)