संजय दत्त का जीवन बहुत उतार चढ़ाव वाला रहा है. ड्रग्स की लत और कानूनी उलझनों में फंसे संजय का कहना है कि मैं नहीं चाहता कि मेरा बेटा मेरे जैसा बनें.
अनुभवी अभिनेता सुनील दत्त और नरगिस के बेटे संजय का जीवन संघर्षपूर्ण रहा है. मुंबई सीरियल ब्लास्ट में धमाकों के लिए उन्हें जेल जान पड़ा था. धमाकों में करीब 250 लोगों की जान गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
शनिवार, इंडिया टुडे माइंड रॉक्स यूथ समिति में संजय ने अपने सफर और संघर्षो के बारे में बात की. अभिनेता से पूछा गया कि जब एक पिता की बात आती है तो वो खुद को कैसे देखते हैं, संजय ने कहा, 'मैं तीन बच्चों का पिता हूं ( बेटे शहरान, बेटियां त्रिशला और इकरा), पिताजी ने हमें नॉर्मल बच्चों की तरह पाला, मुझे बोर्डिंग स्कूल भेजा गया.
मैं अपने बच्चों को जीवन के मूल्य सिखाना चाहता हूं और सही परवरिश देना चाहता हूं. वो बड़ों की इज्जत करना सीखे. मैं नहीं चाहता कि मेरे बच्चें मेरी तरह बने क्यूंकि जो मेरे पिताजी ने बर्दाश्त किया है मैं नहीं करना चाहता.
मां नरगिस के बारे में संजू बाबा का कहना है कि मेरी मां को कभी मुझमे कोई कमी नहीं दिखाई देती थी.' सबकी मां एक जैसी होती है. उन्हें अपने बच्चों में कोई कमी नहीं नजर आती. अगर कोई शिकायत भी करदे की आपके बच्चें ने गलती की तो वो गुस्सा हो जाती है.
संजय ने बताया कि नशे की लत उन्हें कॉलेज के दिनों से लगी थी और बम ब्लास्ट जिसके लिए उन्हें 10 साल की सजा हुई थी. ये बहुत ही तनावपूर्ण समय था उनके लिए.
बता दें, संजय दत्त और सुनील दत्त की जोड़ी आखरी बार 'मुन्ना भाई एम. बी. बी.एस' में नजर आई थी.