एक्टर करण ओबेरॉय मामले में रेप पीड़िता की कथित तौर पर पहचान उजागर करने को लेकर दायर एक शिकायत के बाद मुंबई की एक अदालत ने एक्ट्रेस पूजा बेदी और सुधांशु पांडे के अलावा छह अन्य लोगों को समन भेजा है. दोनों से मंगलवार को जवाब-सवाल भी किए गए हैं.
दरअसल, एक्टर-सिंगर करण ओबेरॉय पर पीड़िता द्वारा बलात्कार और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया गया है. मई 2019 में ओशिवारा पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके तहत IPC की धारा 376 (बलात्कार) और 384 (जबरन वसूली) के तहत उन पर मामला दर्ज किया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद पूजा बेदी और सुधांशु पांडेय सहित कई लोगों ने करण के समर्थन में अपना पक्ष रखा था, जिसके बाद इन लोगों के खिलाफ शिकायतकर्ता ने जून 2019 में यह शिकायत दर्ज की गई थी.
शिकायतकर्ता की वकील मंशा भाटिया ने एक न्यूज एजेंसी को बताया था कि मेरे क्लाइंट जो रेप पीड़िता हैं, उसकी पहचान उजागर करने के लिए भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 228 ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. सभी आरोपियों को पुलिस जांच के बाद समन जारी किया गया है, जिन्हें अब अदालत में पेश होना है.
वहीं इस मामले में पूजा बेदी ने आईएएनएस से कहा कि, 'यह परेशान करने वाली बात है कि निर्दोष शख्स का नाम सार्वजनिक रूप से लेकर उसे बदनाम किया जा सकता है, मगर दुष्कर्म के फ़र्ज़ी केस दायर करने वाली महिलाओं की पहचान छिपाकर रखी जाती है। पूजा ने कहा कि उन्होंने अपने किसी इंटरव्यू में पहचान नहीं बतायी है. मैंन तो हमेशा कहा है कि नाम नहीं बताने चाहिए। जो कानून महिलाओं की हिफ़ाज़त के लिए बनाये गये थे, वो उन्हीं का दुरुपयोग कर रही है.'
पूजा ने आगे कहा कि, 'मैंने हमेशा दशकों तक महिलाओं के अधिकारों को सपोर्ट किया है. यह देखना दुखद है कि औरतें उनकी रक्षा के लिए बनाये कानूनों को इस्तेमाल पुरुषों को प्रताड़ित करने के लिए करती हैं. अगर वो हम दोस्तों और वकीलों के बीच हुई प्राइवेट चैट्स को रेफर कर रही हैं तो मुझे लगता है कि यह फिज़ूल है. यहां करण पीड़ित है. वो महिला है, इसका मतलब यह नहीं कि वो सही ही होगी. हम सबको केस की पूरी जानकारी है.'
(Source: IANS)