बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को अभिनेता रणधीर कपूर और बहन रीमा जैन से दिवंगत भाई राजीव कपूर के तलाक के आदेश के पेपर्स को खोजने और प्रस्तुत करने के लिए कहा है. दरअसल, दोनों ने राजीव के निधन के बाद उनकी प्रॉपर्टी पर अपना हक जताया है, जिसके लिए दोनों ने हाई कोर्ट में पीटिशन फाइल की है. जिस पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई है.
उनकी याचिका में कहा गया कि राजीव ने 2001 में आरती सभरवाल से शादी कर ली और उन्होंने वर्ष 2003 में तलाक ले लिया. हालांकि, रणधीर और रीमा राजीव के तलाक के आदेश को प्रस्तुत नहीं कर सके क्योंकि वे इसका पता नहीं लगा पाएं हैं. दोनों के इस मामले को हैंडल करने वाले शरण जगतियानी ने एक जाने माने अखबार को बताया है, "सिर्फ भाई और बहन ही राजीव कपूर की प्रॉपर्टी के हकदार हैं. हमारे पास उनके तलाक के कागज नहीं हैं. हम इसे ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हमे यह नहीं मिले हैं. उन्हें तलाक के कागज पेश करने से छूट दी जाए." उन्होंने यह भी बताया है कि भाई-बहन को यह भी नहीं पता कि मुंबई या दिल्ली में से किस फैमिली कोर्ट ने राजीव और आरती के तलाक के फैसले को पारित कर दिया था.
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याचिका पर सुनवाई कर रहे जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि "सार्वजनिक डोमेन में कुछ सामग्री है जो तलाक का उल्लेख करती है." तलाक के डिक्री का पता लगाने के लिए उचित प्रयास करें और यदि पाया जाता है, तो रजिस्ट्री को एक सर्टिफाइड कॉपी प्रदान करेंगे."
हालांकि, जस्टिस पटेल ने टिप्पणी की कि भले ही रणधीर और रीमा की याचिका "निर्विरोध" है, लेकिन राजीव के तलाक के फैसले को प्रस्तुत नहीं करने के लिए इसे "रोक या अनुदान को रोक नहीं" दिया जाएगा.
(Source: TOI)