संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. करणी सेना और राजपूत संगठन लगातार बैन करने की मांग कर रहे हैं. सियासत के गलियारों से निकल कर अब विवाद सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.
वकील सोमेश चंद्रा झा ने एक पेटिशन फाइल करते हुए मेकर्स के खिलाफ रानी पद्मावती को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया है. फिल्म में दिखाए जा रहे तथ्यों पर लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है. अगर फिल्म रिलीज होती है तो ये कई तरह के विवाद खड़े कर सकती है.
पेटिशन के मुताबिक, ट्रेलर में दिखाया गया है कि रानी पद्मावती घूमर डांस कर रही हैं, लेकिन राजघराने की रानियां ठुमके नहीं लगाती थीं. यहां तक कि उनकी स्किन भी नहीं दिखती थी जैसा कि ट्रेलर में दीपिका को दिखाया जा रहा है. पद्मावती का ये रूप राजपूत कम्यूनिटी की भावनाओं को आहत कर रहा है.
पेटिशन देकर मांग की जा रही है कि पहले इतिहास में रानी के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही इसे रिलीज होने दिया जाए. पेटिशन फाइल करने वाले वकील एसएम चुदास्मा ने पेटिशन की कॉपी हमें मुहैया कराई है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि शुक्रवार को कोर्ट खुलते ही पहली पेटिशन 'पद्मावती' के केस से शुरुआत होगी.
वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विकासनगर में क्षत्रिय समाज के लोगों ने 'पद्मावती' फिल्म का विरोध करते हुए फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का पुतला फूंका.
विरोध प्रदर्शन में शामिल क्षत्रिय समाज के नेता मनोज सिंह चौहान ने कहा कि पैसा कमाने की होड़ में हमारी संस्कृति, हमारी आस्था हमारे इतिहास और हमारे सम्मान से खिलवाड़ करने की फिल्म वालों की करतूत को हम क्षत्रिय कतई सफल नहीं होने देंगे. फिल्म 'पद्मावती' किसी भी हाल में रिलीज नहीं होने दी जाएगी.
फिल्म पद्मावती के खिलाफ लगातार हो रहे विरोध पर निर्देशक संजय लीला भंसाली ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने एक वीडियो के जरिए साफ किया कि फिल्म में रानी पद्मिनी और खिलजी के बीच कोई ड्रीम सीक्वेंस नहीं है.