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सुप्रीम कोर्ट ने 'पद्मावती' की रिलीज पर बैन लगाने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशक संजय लील भंसाली की फिल्म पद्मावती के रिलीज पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. बता दें इस फिल्म का क्षेत्रिय समाज शुरू से ही विरोध कर रहा है.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ ने कहा कि रिलीज से पहले फिल्म को प्रमाणपत्र देने के संबंध में सेंसर बोर्ड के पास अनुपालन के लिय पर्याप्त दिशा-निर्देश हैं. पीठ सिद्धराज सिंह एम. चूडासामा और 11 अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

दरअसल कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल हुई थी जिसमे फिल्म पर पाबन्दी लगाने की मांग की गई थी. कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है की रोक लगाने का अधिकार सिर्फ सेंसर बोर्ड के पास है. दरअसल कुछ दिनों से फिल्म 'पद्मावती' का पूरे देश में विरोध किया जा रहा है और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि इस फिल्म की वजह से करोड़ों राजपूतों की भावनाओं के साथ वह अन्याय कर रहे है, वैसे इस फिल्म का विरोध पहली बार नहीं हो रहा है, जब राजस्थान में इस फिल्म की शूटिंग चल रही थी तब करनी सेना ने विरोध करते हुए संजय लीला भंसाली को थप्पड़ तक मार दिया था. अब देखना यह है की फिल्म का विरोध किस स्तर तक जाता है और फिल्म रिलीज हो पाती है या नहीं.

राजपूत समाज के नेताओं और कई संगठनों ने फिल्म में रानी पद्मावती से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. भाजपा विधायक और जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य दीया कुमारी, करणी सेना, बजरंगदल और अन्य का कहना है कि फिल्म में इतिहास के साथ की गई छेड़छाड़ को स्वीकार नहीं किया जाएगा. फिल्म पर आरोप हैं कि इसमें ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है. फिल्म का सबसे ज्यादा विरोध राजस्‍थान में हो रहा है.

 

 

 

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