बॉलीवुड के जाने माने फिल्ममेकर कबीर खान भारत के उन कुछ फिल्ममेकर्स में से एक हैं, जिन्होंने अफगानिस्तान में बड़े पैमाने पर काम किया है और जानते हैं कि तालिबान किस हद तक जा सकता है. अब, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण हासिल कर लिया है और अमेरिका समर्थित राष्ट्रपति असरफ गनी देश छोड़कर भाग गए हैं, तो दुनिया इस बात से स्तब्ध और डरी हुई है कि देश के नागरिकों पर इसका क्या असर पड़ेगा. कबीर ने अपनी पहली फिल्म काबुल एक्सप्रेस (2006) के अलावा देश में कई डॉक्यूमेंटरीज की भी शूटिंग की है.
ऐसे में एक जाने माने वेब पोर्टल से बात करते हुए कबीर ने अफगानिस्तान के आर्टिस्ट्स के लिए चिंता व्यक्त करते हुए कहा है, "हम सभी जानते हैं कि तालिबान ने पिछली बार यहां आने पर कला और संस्कृति, फिल्मों और फोटोग्राफी के साथ क्या किया था, इसलिए मुझे नहीं लगता कि कोई भी अब कुछ अलग की उम्मीद कर सकता है. मुझे असल में आश्चर्य होगा अगर वे अभिनेताओं, कलाकारों और पूरी फिल्म इंडस्ट्री को वहां जिन्दा रहने देते हैं तो. मुझे नहीं लगता कि वे ऐसा करेंगे. पिछली बार उन्होंने फोटोग्राफी की अनुमति नहीं दी थी, सिनेमा को तो भूल जाओ."
उन्होंने आगे कहा है, "मैं कहूंगा कि सभी कलाकारों का पलायन होने वाला है, उन्हें भागना होगा, जो पिछली बार भी हुआ था. मैं उनमें से बहुत से लोगों को जानता हूं जो मेरे दोस्त थे, जिन्होंने मेरे साथ काबुल एक्सप्रेस में काम किया था, वे मुझे अपनी कहानियां सुनाते थे कि कैसे वे ईरान भाग गए क्योंकि यही एकमात्र जगह है जहां उन्हें आसानी से काम मिल सकता था, क्योंकि दारी जो बोली जाती है काबुल में मूल रूप से फ़ारसी की एक बोली है, इसलिए उनके लिए ईरान में काम पाना आसान है. कुछ भारत आए, कुछ पाकिस्तान चले गए, इसलिए मुझे लगता है कि कला और संस्कृति के क्षेत्र में लोगों के लिए वहां जीवित रहना मुश्किल होगा."
कबीर चाहकर भी मदद ना कर पाने वाली बात को लेकर बेहद दुखी हैं. उनका कहना है कि कोई मदद कैसे करें, क्योंकि ज्यादा से ज्यादा समय उनके फोन बंद रहते हैं, वे डरते हैं और खुद को बचाने के लिए अंडरग्राउंड रहते हैं.
(Source: The Quint)