शनिवार को हरियाणा पुलिस ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह को कथित तौर पर स्पिनर युजवेंद्र चहल के खिलाफ जातिवाद भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में गिरफ्तार किया. हालांकि बाद में उन्हें रिहा भी कर दिया गया.
दरअसल, पिछले साल युवराज ने लॉकडाउन के समय इंस्टाग्राम पर क्रिकेटर रोहित शर्मा के साथ बातचीत की थी. इस दौरान उन्होंने यजुवेंद्र चहल के लिए एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था. खबरों के मुताबिक, अंतरिम जमानत पर रिहा होने से पहले युवराज से तीन घंटे तक पूछताछ की गई. युवराज सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और धारा 505 के तहत गिरफ्तार किया गया.
सोशल मीडिया पर वीडियो के वायरल होने के बाद युवराज सिंह ने अपनी गलती मानते हुए माफी मांगी. उन्होंने ट्विटर पर कहा था कि मैं यह बात साफ कर देना चाहता हूं कि किसी भी तरह के भेदभाव में विश्वास नहीं रखता हूं. चाहे वह जाति, रंग, लिंग या मजहब का आधार पर हो. मैंने अपनी जिंदगी लोगों की भलाई के लिए लगाई है और आगे भी ऐसा ही करता रहूंगा. उन्होंने आगे कहा था कि अपने दोस्तों के साथ बातचीत के दौरान मैंने जो कहा उसे गलत तरीके से समझा गया. हालांकि, जिम्मेदार भारतीय नागरिक होने के नाते मैं यह कहता हूं कि अगर मैंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो उसके लिए खेद व्यक्त करता हूं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युवराज की गिरफ्तारी शनिवार को ही हुई थी, लेकिन इसकी जानकारी रविवार को सामने आई. बताया जा रहा है कि पुलिस ने युवराज सिंह को जांच में शामिल करने के बाद रिहा कर दिया. बता दें, हिसार के हांसी में दलित अधिकार कार्यकर्ता और एडवोकेट रजत कलसन ने युवराज सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी. कलसन ने युवराज की गिरफ्तारी की मांग की थी.