बॉलीवुड के महान फिल्ममेकर और 'किंग ऑफ रोमांस' यश चोपड़ा की 21 अक्टूबर को 9वीं डेथ एनिवर्सरी थी. यश चोपड़ा ने हिंदी फिल्म उद्योग को हमेशा के लिए बदल दिया. फिल्मों में फूहड़ता के दिखाए बिना मूवी को रोमांटिक बनाकर कैसे फिल्म को हिट बनाया जाता है, ये यश चोपड़ा ने अपने कई हिट फिल्म देकर साबित कर दिया है. भले ही यश चोपड़ा हमारे साथ नहीं है. लेकिन उनका योगदान हिंदी सिनेमा में हमेशा याद रख जाएगा. पकिस्तान के लाहौर में 27 सितंबर 1932 में जन्में यश चोपड़ा का परिवार बंटवारे के बाद भारत आ गया था. यश चोपड़ा ने 70 के दशक में दर्शकों को एक नए तरह के सिनेमा से रूबरू कराया. वहीं यश चोपड़ा की डेथ एनिवर्सरी पर पर उनके बेटे उदय चोपड़ा ने इमोशमल नोट शेयर कर पिता को याद किया.
उदय चोपड़ा ने ट्वीटर पर लिखा कि, 'मेरे पिता का आज ही के दिन 9 साल पहले देहांत हो गया था. उन्होंने न केवल फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि सभी के जीवन में एक असल छोड़ा है. मुझे लगता है कि मेरा एक हिस्सा वो अपने साथ ले गए, जो शायद मुझे कभी वापस नही मिलेगा. लेकिन यह ठीक है... हम सभी अधूरे लोग हैं और हमें इसके साथ रहना सीखना चाहिए.'
My father passed away this day 9 years ago. He left a void not only in the film industry but in the lives of all he touched. I think he took a part of me with him which I may never get back, but that is fine. We are all incomplete beings and we must learn to live with that.
— Uday Chopra (@udaychopra) October 21, 2021
But it’s not just Love that I felt for him. It was like a brotherhood that I lost. We understood that we were deeply different creatures and yet we accepted each other, with not just respect, but with humor. That’s how I will remember him…With respect and humor. My Dad always!!!
— Uday Chopra (@udaychopra) October 21, 2021
उदय चोपड़ा ने आगे लिखा, 'लेकिन यह सिर्फ प्यार नहीं है जो मैंने उसके लिए महसूस किया. यह एक अलग प्यार था, जिसे मैंने खो दिया. हम समझ गए थे कि हम दोनों बहुत अलग हैं और फिर भी हमने एक-दूसरे को न केवल सम्मान के साथ, बल्कि हर रूप के साथ स्वीकार किया. इस तरह मैं उन्हें याद रखूंगा... सम्मान और मुस्कुराकर, मेरे पिताजी हमेशा. '
बता दें कि, यश चोपड़ा की फिल्म में ड्रामा, प्यार का एंगल और इमोशन का तड़का होता था. अपने करियर के इस दौरान में उन्होंने 'चांदनी', 'सिलसिला', 'दाग', 'दीवार', 'त्रिशूल', 'कभी-कभी', 'डर', 'दिल तो पागल है', 'वीर जारा', 'जब तक है जान' समेत कई बेहतरीन फिल्में दी हैं.
(Source: Twitter)